उत्कर्ष बहुउद्देशीय संस्था की संस्थापक अध्यक्ष डाॅ कविता परिहार का हुआ साक्षात्कार दिव्यालय एक व्यक्तित्व परिचय में!
नारी सृष्टि है, शक्ति है।
नारी जननी है, जाग्रति है।।
नारी मन है, प्राण है।
नारी माँ है, बहन है।।
नारी राधा है, जानकी है।
नारी प्रेम है, तृप्ति है।।
नर अधूरा है, अर्धांगिनी नारी है।
फिर क्यों अपने ही सपनों के लिए जूझती है नारी, क्यों मायके और सासरे की दहलीज पर अधूरी है नारी?
जी, हाँ! आज भी कहीं न कहीं नारियों को अपने वजूद के लिए लड़ना पड़ता है। आज हम आप सभी को एक ऐसी ही शख्सियत से रुबरु करवाने जा रहें हैं, जिन्होंने कभी हारना नहीं सीखा, लाख व्यवधान आए लेकिन अपने सपने अपनी मंजिल पा कर ही रहीं, आज डाॅ.कविता परिहार किसी परिचय की मोहताज नहीं हैं, आज वे नारी शक्ति के लिए एक मिशाल बन समाज को प्रकाशित कर रही हैं।।
प्रश्न- आप कहाँ से हैं?
उत्तर- जी मैं मध्य प्रदेश की बेटी हूं, मेरा जन्म नागपुर में हुआ है, और गत 47 वर्षों से नागपुर मेरी कर्मभूमि हैं , सन 2000 में मैंने मुंबई से नैचुरोपैथी का कोर्स कर फर्स्ट क्लास की डिग्री हासिल की है।
प्रश्न 2.आप उत्कर्ष बहुउद्देशीय संस्था नागपुर की संस्थापक अध्यक्ष हैं, तो इस संस्था के तहत किस तरह से समाज के लिए कार्य किए जाते हैं?
उत्तर- जी हम विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से कार्य करते हैं जैसे उच्च माध्यमिक विद्यालय में जाकर किशोरियों को हाइजीन एवं माह के विशेष दिनों में सेनेटेरी पेड्स के इस्तेमाल, और उन्हें डिसपोज कैसे करना है,इसकी जानकारी देते हैं। उन महिलाओं को प्रेरित करते हैं, जो विधवा, गरीब और असहाय हैं ,और उन्हें स्वावलम्बी बना समाज की मुख्य धारा से जोड़ते हैं।
प्रश्न 3. आप अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा महाराणा प्रताप, एवं नारी शक्ति की भी प्रदेश अध्यक्ष हैं? तो इतनी सारी जिम्मेदारियों का निर्वहन किस भाॅंति करतीं हैं?
उत्तर- जी जब मन में लगन और हौसले बुलंद हो तो सब कुछ आसान हो जाता है, बस मेरे साथ भी ऐसा ही है।
प्र-4 हमनें सुना है कि आपका मेजर एक्सीडेंट हो चुका है?
उत्तर- जी सही है। मैं बहुत बुरी तरह से जख्मी हुई थी, डाक्टरों ने तो मेरा बाया पैर एवं बाया हाथ को काटने के लिए कह दिया था, पर ईश्वरीय चमत्कार कहिए या दृढ इच्छा शक्ति की मैं फिर अपने पैरों पर खडी हो गई 6/7महिने हास्पिटल में रही फिर, व्हील चेयर पर, और फिर सपोर्ट लेकर चलने लगी, मेरी पसलियां दोनों टूटी है। अलग अलग हादसों में पर लोगों की दुआएँ कहिए या नेक कर्म की आज सेल्फ डिपेंड हूं, आप सबके समक्ष हूँ।
प्रश्न-5- आप एक रूढ़िवादी राजपूत परिवार से हैं, तो ऐसे में तो आपको अनेकों संघर्ष करने पड़े होंगे?
उत्तर- जी एक तो कम उम्र में शादी हो गई, फिर गृहस्थी की जिम्मेदारी संभालते हुए ही मैंने अपने सपनों को भी उड़ान दिया। पहले पहल तो बहुत कुछ कठनाइयों का सामना करना पड़ा। पर वक्त के साथ- साथ सबका सहयोग मिलने लगा जो पति मेरी रचनाओं में खामियां निकालते थे। वे भी साकारात्मक रुख रखने लगे। मुझे जो सम्मान मिलते थे उन्हें भी सहेजने लगे। बच्चों को जब समझ आया तो उसकी अहमियत समझ मुझे प्रेरित करने लगे। और फिर मैंने पीछे मुड़कर नहीं देखा आज मुझे कुल लगभग करीब करीब 285 सम्मान मिल चुके हैं। कोरोना काल के दौरान मैंने जरूरत मंद लोगों को भोजन, पानी के साथ- साथ राशन, दवाइयाँ, कपड़े , सेनेटाइजर, मास्क सब मुहैया करवाए, और कार्य इतना सुचारू रूप से चला की कही कोई दिक्कत, परेशानी भी नहीं हुई। जिसके लिए मुझे कई संस्थाओं से से सम्मानित किया गया। और पर्यावरण योद्धा इंटरनेशनल पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
प्रश्न6- आप आज की युवा पीढ़ी को क्या संदेश देना चाहतीं हैं?
उत्तर- जी, यही कि बेटियों को स्वावलंबी बनाओं, ताकि वे किसी के भरोसे ना रहे, अपनी जिम्मेदारीयों का निर्वाह बखूबी कर सकें।
अंत में बेहतरीन संचालन कर रहे यू.के. से किशोर जैन ने अपने अतिथि को धन्यवाद दिया। इस नेक व सराहनीय कार्य के लिए दिव्यालय की संस्थापक व कार्यक्रम आयोजक व्यंजना आनंद 'मिथ्या' और पटल अध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजक मंजिरी "निधि" 'गुल'जी को कार्यक्रम आयोजन के लिए धन्यवाद दिया तथा बताया कि इस तरह साक्षात्कार के कार्यक्रम का सीधा प्रसारण Vyanjana Anand Kavya Dhara यूट्युब चैनल पर लाइव हर बुधवार शाम सात बजे हम नये नये प्रतिष्ठित व्यक्ति से परिचित हो सकते हैं या उसकी रेकॉर्ड वीडियो को बाद में देखा जा सकता है।