नाबालिकों से काम कराना पड़ा महंगा!
छापेमारी कर हुआ FIR!
दो बच्चों को किया गया रेस्क्यू!
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह : माँझी के बलिया मोड़ स्थित दो फास्ट फूड के दुकानदारों को नाबालिकों से काम करना उसे समय महंगा पड़ गया, जब श्रम संसाधन विभाग के अधिकारियों ने छापेमारी कर दुकान पर काम कर रहे दो नाबालिकों को रेस्क्यू किया। दोनों दुकानदारों पर माँझी थाने में प्राथमिक की दर्ज कराई गई। विभाग के पदाधिकारी एलईओ राजेश कुमार सिन्हा ने बताया कि नाबालिक बच्चों से काम करना कानूनी अपराध है। इसी के तहत माँझी के बलिया मोड़ स्थित चाइनीस फास्ट फूड एवं जैका फास्ट फूड के दुकानों से दो बच्चों को रेस्क्यू किया गया। रेस्क्यू किए गए बच्चों को मुख्यमंत्री फंड से 25 हजार का चेक दिया जाएगा। रेस्क्यू किए गए बच्चों में माँझी के बहोरन सिंह के टोला निवासी प्रेम ठाकुर का पुत्र बजरंगी एवं मुजफ्फरपुर पिलखी निवासी मुन्ना साह का पुत्र धीरज कुमार शामिल है। वही रेस्क्यू धावा दल में एलईओ (माँझी) राजेश कुमार सिन्हा, एलईओ (बनियापुर) संतोष कुमार, एलईओ (एकमा) देव शंकर बेदी आदि शामिल थे।
क्या कहते हैं नाबालिक बच्चे?
रेस्क्यू किए गए मुजफ्फरपुर पिलखी निवासी धीरज कुमार बताता है कि उसके पिता को फालीज मार दिया है! उनके इलाज के लिए पैसा नहीं है। घर में मैं ही एक कमाऊ पुत्र हूं। जिससे मेरे पिता का इलाज होता है और घर का खर्च चलता है। अगर मैं काम नहीं करूंगा तो घर का खर्च कैसे चलेगा। वहीं बहोरन सिंह के टोला निवासी बजरंगी बताता है कि मेरी घरेलू स्थिति ठीक नहीं है, जिस कारण मुझे काम करना पड़ता है, नहीं तो हम लोगों को भूखा रहना पड़ेगा।