न्यूजीलैंड के वेलिग्टन में उठी हिंदी की गूंज!
/// जगत दर्शन न्यूज
वेलिग्टन (न्यूजीलैंड): भारतीय उच्चायोग में 10 जनवरी 2024 को विश्व हिंदी दिवस पर मुख्य अतिथी के रूप में रति चौबे के भाषण पर खूब बजी तालियाँ! भारतीय उच्चायोग, वेलिग्टन न्यूजीलैड द्धारा आयोजित कार्यक्रम में उच्चायुक्त श्रीमती नीता भूषण, सेकेन्ड सेक्रेटरी श्री दुर्गादास, मनोज कुमार साहू, श्रीमती, नीतू जयस्वाल साहू, श्रीमती पुष्पा वुड, अनुराधा गुप्ता आदि अतिथी गण और बच्चों की उपस्थिति में इस नागपुर महाराष्ट शहर की प्रसिद्ध कवियित्रि, लेखिका व हिंदी प्रचार-प्रसार की एक प्रसिद्ध संस्था "हिंदी महिला समिति " की 30 वर्षो से अध्यक्षा रही रति चौबे ने जब अपने यह भाव व्यक्त किए 'क्योंकि मैं हिंदी हूं' तब तालीयाँ थमने का नाम नही ले रही थी। इस दौरान उच्चायोग का सभागृह तालियों से गूंज उठा।
इस दौरान अपने सम्बोधन में रति चौबे ने हिंदी को हमारी संस्कृति बताया। उन्होंने कहा कि उसे सहेज कर रखना हर हिंदी प्रेमियों और सभी भारतीयों का कर्तव्य है। हिंदी का उत्थान हमारा उत्थान है। साथ ही अपनी हार्दिक इच्छा बताते हुए कहा कि जब देश से बाहर विदेश में रहते हुए भी हर बच्चा हिंदी बोलेगा, समझेगा, पढेंगा तथा हिंदी में अपने हस्ताक्षर करेगा तो- मुझे आत्मिक संतोष मिलेगा। अपने ह्दय में उठती वेदना व उठती टीस के लिये रतिचौबे ने अपने को हिंदी का स्वरुप मानते हुआ कहा कि हिदी भारत का प्राण है। उसमें वो संवेदना, उत्साह, आर्कषण है, जिससे सब प्रभावित होते है। अपने भावों को कुछ इस दर्द भरे शब्दो में काव्यात्मक रुप में कहा-
क्यों मनाते है हर वर्ष विश्व हिंदी दिवस
हर रोज क्यूं नही मनता यह दिवस!
वाकई मै लाइलाज हूं,
मै पखवाडों तक सीमित !
मै मात्र एक खिलौना हूं ?
मै एक रिवाज बन गई हूं ?
मै एक प्रश्नवाचक बन.गई हूं-
पर मै ना हांरूगी,
ना बिखरूंगी क्योंकि मै-
हिंदी हूं, हिंदी हूं, हिंदी हूं।
अंत में उपस्थित सभी बच्चों व अभिभावको, वरिष्ठ अतिथियों व अन्य पधाधिकारियों ने रति चौबे के साथ उत्साहपूर्वक उदघोष के साथ नारे लगाए। हम हिंदी सीखेगे, लिखेंगे, हस्ताक्षर करेगे। समझेगे और साथ ही 22 जनवरी को होने वाले अयोध्या में राममंदिर में श्रीराम मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा के लिए जय सिया राम का उदघोष किया। वहीं भारतीय उच्चायुक्त "नीता भूषण" ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी का विश्वहिन्दी दिवस के इस अवसर पर भेजा संदेश भी पढ़ा, जिससे उच्चायोग सभागृह एक बार फिर गूंज उठा। हिन्दी महिला समिती कि इस कवियित्री ने उच्चायोग के दिये इस अवसर पर अपनी प्रस्तुति से हमें अत्यंत गौरवान्वित किया।