वेलिंगटन न्यूजीलैंड में भारतीय संस्कृति की दिखी एक मनमोहक झलक!
प्रसिद्ध कवियित्री श्रीमती रतिचौबे से जगत दर्शन न्यूज़ के संस्थापक बी के भारतीय की टेलीफोनिक बातचीत पर आधारित!
वेलिंगटन (न्यूजीलैंड): नागपुर (भारत) से नागपुर शहर की "हिंदी की प्रचार प्रसार की प्रतिष्ठित संस्था हिंदी महिला समिति इस की अध्यक्षा -- श्रीमती रतिचौबे जो एक प्रसिद्ध कवियित्री, लेखिका, समाजसेवी' तो हैं साथ ही अनेक गतिविधियों में संलग्न, आल इंडिया ब्राह्मण संगठन नागपुर की अध्यक्षा, नागपुर चतुर्वेदी समाज की पूर्व अध्यक्ष आदि जब वेलिंगटन न्यूजीलैंड पहुंची तो वहां "झंकार कत्थक ग्रूप प्रोडेक्शन२०२३ के एक विशाल कार्यक्रम में बतौर अतिथि के रूप में ज्योति गोसावी द्वारा जो इस कार्यक्रम को अपनी छात्राओं के द्वारा ही प्रस्तुत करवा रहीं थीं। यह देखकर अत्यंत प्रभावित हुई। इस दौरान रति चौबे जी ने बताया कि ज्योति गोसावी व पति निवेश, बेटी जाह्नवी तीनों लखनऊ व जयपुर घराने की इस शैली को पारम्परिक पद्धति से कई सालों से सिखाने का प्रयास कर रहें हैं!
वेलिंगटन न्यूजीलैंड में भारतीय संस्कृति को भारतीय -उच्चायोग द्वारा काफी हृदय से प्रोत्साहन दिया जाता है। यह कार्य -क्रम इतने मनोरंजक प्रभावशाली रुप से प्रस्तुत किया गया कि वहां उपस्थित सभी मंत्रमुग्ध हो गये थे। रतिचौबे ने बताया कि मुझे पहली बार एक सुखद आश्चर्य हुआ कि भारतीय शास्त्रीय नृत्यों को हमारे भारत वर्ष में ही नहीं विदेश मे भी दिल से अपनाया जाता है। सभी कत्थक छात्राओं का कौशल, नृत्य भंगिमाएं खुद ज्योति गासवी के साथ मंच पर प्रभावशाली रूप में प्रस्तुत किया गया। इस खूबसूरत कार्य-क्रम में कत्थक के सभी महत्वपूर्ण घटकों क़ो बड़ी ही खूबसूरती से दर्शाया गया। एक एक प्रस्तुति प्रभावित कर रही थी। गुरु वंदना, टुकड़ा, कवित्त, आमदपरण, तत्कर पलटे, ग़ज़ल तिहाई, ठुमरी, तबले के साथ जुगलबंदी बहुत ही शानदार हुई। ऐसा लग रहा था कि बलीवुड के सभी कलाकार एक साथ पर मूर्तिमान हो उठे हो।
जबमुगल-ए-आजम, पाकीजा, आजा नचले, उमराव जान, देवदास, बाजीराव-मस्तानी और कलंक जैसी फिल्मों की प्रसिद्ध रचनाओं गीतो को अपनी श्रद्धाजंलि कला- कारों के द्वारा अर्पित की गई तो तालियों से सभागृह गूंज उठा। ये गीत हमेशा जीवित रहेंगे और कत्थक कलाकारों का जादू भी कायम रहेगा। यह कलाकारों ने इस खूबसूरत कार्य क्रम में अपनी प्रस्तुतियां देकर साबित कर दिया। ज्योति गोसावी ने बातचीत के ही दौरान अपने गुरुवर के मार्ग दर्शन को याद किया।
उन्होंने बताया कि मुझे अतिथि बना कार्य क्रम में आमंत्रित किया। यह मेरे लिए बहुत गौरव गरिमा की बात है। हमारी भारतीय संस्कृति का परचम सदा ही चहुं ओर आदिकाल से ही लहराता रहा है और इस सुंदर खूबसूरत कार्यक्रम को देख कर तो पूरा विश्वास है गया है कि जब ज्योति गोसावी जैसे कलाकार अपनी संस्कृति को तन मन धन से भारत में ही नहीं विदेशों में भी पहुंचाते हैं, तो गर्व होता है। इसके लिए एक बार पुनः वेलिंगटन न्यूजीलैंड के भारतीय -उच्चायोग के लिए श्रृद्धानत हूं व रहूंगी।