सुखद खबर की आस,
पीड़ित अब भी हैं उदास।
कईओं को मिला ईश्वर का सहारा, तो कई के उजड़े घर!
नेताओं ने दिया सांत्वना!
/// जगत दर्शन न्यूज़
संवाददाता मनोज सिंह
सारण (बिहार) : माँझी प्रखंड के मटियार गाँव के समीप बुधवार को हुए नाव हादसे के दूसरे दिन तक चार लोग लापता बताए जा रहे हैं। नाव पर सवार दिव्यांग भोला महतो चमेली देवी तथा रौशनी कुमारी गुरुवार की सुबह सकुशल बरामद कर ली गई जिनका सीएचसी में इलाज चल रहा है। बताते चलें कि बुधवार की शाम सरयु नदी के उस पार परवल की लत्ती की रोपनी कर लौट रहे 18 मजदूरों से लदी नौका नदी की बीच धारा में डूब गई थी। जिस पर सवार शिव बचन बीन उर्फ साधु बीन तो तैर कर अपनी जान बचाने में तो सफल हो गए पर उनकी पत्नी फूल कुमारो देवी 50 वर्ष एवम मुन्ना प्रसाद की पत्नी छठिया देवी की मौत हो गई। गुरुवार को को दोनों शवों का पोस्टमार्टम होने के बाद उसी घाट पर उनका दाह संस्कार सम्पन्न हो गया।
फुलकुमारो देवी को उनके पति साधु बीन ने तथा छठिया देवी को उनके ग्यारह वर्षीय पुत्र रंजीत कुमार ने मुखाग्नि दी। गुरुवार की सुबह पहुँचे माँझी के नाव हादसे में लापता सुभाष राम उम्र 60 वर्ष की पत्नी का रो रो कर बुरा हाल था। उसकी चार पुत्रियों की शादी हो चुकी हैं जबकि दो अभी भी कुँआरी हैं। अब उनका भरण पोषण तथा शादी विवाह कैसे होगा इस बात की चिंता सता रही हैं। परिजन अपने दरवाजे पर आने वालों से बार बार पूछ रही थी कि मेरे पति मिले की नही। दरवाजे पर जमा पड़ोस की महिलाये उन्हें ढांढस बंधाने में लगी हुई थी।सीओ धनंजय कुमार ने दोनों मृतकों के परिजनों को क्रमशः चार चार लाख रुपये की राशि का चेक सौंप दिया। उधर नौका हादसे के बाद से अबतक लापता चार नाव सवार मजदूर सुभाष राम के अलावा मनजी प्रसाद की पुत्री पिंकी कुमारी 13 वर्ष, धनजी प्रसाद की पत्नी रमिता देवी तथा शत्रुघ्न बीन की पत्नी तारा देवी का न तो कोई सुराग मिल सका है और न ही उनका शव बरामद किया जा सका है। उधर गोताखोर एसडीआरएफ के आधा दर्जन मोटर बोट की सहायता से लापता लोगों के शवों की लगातार खोजबीन करने में लगे हुए है।
सुखद खबर मिलने के आस में... मन हैं उदास!
नाव हादसे में अपनी पत्नी शिव कुमारी देवी को खो चुके शिव बचन बीन उर्फ साधु बीन अपनी लापता पुत्रवधु व शत्रुघ्न प्रसाद की पत्नी तारा देवी उम्र 30 वर्ष की अब भी आस लगाए बैठे हैं कि शायद कहीं से जीवित बरामद होने की सुखद खबर मिल जाय। तारा देवी के चार मासूम पुत्र क्रमशः पिन्टु कुमार उम्र 2 वर्ष, विवेक कुमार 3 वर्ष, रितेश कुमार 4 वर्ष, सूरज कुमार 5 वर्ष तथा रिंकी कुमारी आठ वर्ष की आंखें अपनी माँ की एक झलक देखने को बेताब हैं। इन मासूम बच्चों का पिता गुजरात के राजकोट में मजदूरी करता है। हादसे की खबर पाकर वह वापस घर लौट रहा है।
उक्त हादसे में अपनी पत्नी छठिया देवी उम्र 30 वर्ष को गंवा चुके मुन्ना प्रसाद के पुत्र रंजीत कुमार उम्र 13 वर्ष ने अपनी मां को मुखाग्नि दी। जबकि नंदिनी आठ उम्र वर्ष, पंकज कुमार उम्र 6 वर्ष तथा इन्दु कुमारी उम्र 5 वर्ष घर के दरवाजे पर शोकाकुल महिलाओं का मुँह निहार रहे हैं तथा अपनी माँ के आँचल की आस लगाए हुए है। उधर नाव हादसे में सकुशल निकाले गए रमेश प्रसाद के पुत्र पीयूष कुमार 8 वर्ष तथा प्रियंका कुमारी 11 वर्ष अब भी उस भयानक मंज़र को भूल नही पा रहे हैं। उक्त हादसे में उनके बृद्ध दादा लाल बचन बीन भी सकुशल तैर कर जान बचाने में सफल रहे हैं।
वहीं अपनी जान जोखिम में डालकर तीन लोगों की जान बचाने वाले बजरंगी महतो ने कल देर रात सारण के डीएम एसपी को घटना की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि बुधवार की सुबह सात बजे महज सात मजदूरों को लादकर वह नौका।ड़ेंगी। उस पार गई थी तथा वापसी के दौरान जई छपरा जाने वाली नौका महज पाँच मिनट विलम्ब की वजह से छूट गई थी और मजबूरन मटियार गाँव के सभी मजदूर एक ही नाव पर सवार हो गए थे।
ईश्वर का सचमुच मिला सहारा!
नाव हादसे में अन्य मजदूरों के साथ डूबे एक हाथ से दिब्यानग भोला महतो उम्र 51 वर्ष को ईश्वर का सचमुच मिला सहारा। लगभग एक किमी सरयु नदी की तेज धारा में बहकर रेत पर जा पहुँचे श्री महतो लगभग चार घण्टे तक अचेत होकर घुटने पर पानी में रेत पर सिर टिकाकर पड़े रहे। बाद में रेत पर लापता लोगों को ढूंढने निकले गाँव के युवकों को उन्होंने आवाज देकर खुद के जीवित होने का संकेत दिया तब जाकर युवकों ने उन्हें नाव पर लाद कर नदी के इसपार लाया तथा फिर एम्बुलेंस से उन्हें माँझी सीएचसी पहुँचाया गया जहाँ उनका इलाज किया गया।
जन प्रतिनधिओं ने दिया सांत्वना!
मटियार में हुए नाव हादसे के बाद दिल्ली से सीधे मुबारकपुर पहुँचे सांसद जनार्दन सिंह सीग्रीवाल ने पीड़ित परिजनों से मुलाकात कर उन्हेँ सांत्वना दी। उन्होंने मौके पर मौजूद सीओ धनंजय कुमार एवम एसडीआरएफ के डीएसपी से राहत एवम बचाव की जानकारी ली। माँझी तथा आसपास होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए सांसद ने सारण के डीएम को फोन कर माँझी के राम घाट के समीप एसडीआर एफ का केन्द्र बनाने की मांग की। उन्होंने पीड़ितों से मुलाकात कर केन्द्र सरकार से समुचित अनुग्रह राशि दिलाने का का आश्वासन दिया। मौके पर भाजपा नेता हेम नारायण सिंह प्रो शिवाजी सिंह अमरजीत सिंह सहित अनेक कार्य कर्ता मौजूद थे।
नाव हादसे के बाद से गुरुवार को दिन भर मटियार घाट पर नेताओं के आने जाने का सिलसिला जारी रहा। विधान पार्षद ई सच्चिदानंद राय, तरैया के विधायक जनक सिंह, एकमा के विधायक श्रीकांत यादव, माँझी के विधायक डॉ सत्येन्द्र यादव, जदयू नेता मनोरंजन सिंह उर्फ धूमल सिंह छपरा के पूर्व विधायक व बरिष्ठ राजद नेता रणधीर सिंह, कुँअर वाहिनी के अध्यक्ष जितेंद्र स्वामी, राणा प्रताप उर्फ डब्ल्यू सिंह, नरेन्द्र प्रताप मिश्रा सहित अनेक दलों के नेता कार्यकर्ता तथा वर्तमान एवम पूर्व के पँचायत प्रतिनिधि आदि बड़ी संख्या में लोगों ने मटियार पहुँचकर लोगों का कुशल क्षेम जाना।
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