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मिशन गरीब परिवर्तन पार्टी छोड़ राष्ट्रीय मानव पार्टी के कार्यालय में दिखे शैलेश गिरी!
/// जगत दर्शन न्यूज़
दिल्ली: राजनीति में उथल-पुथल लाजमी है। वही दल बदल के लिए भी प्रसिद्ध है। राजनीतिक पार्टियों में प्रतिदिन उनके नेताओं का एक दल से दूसरे दल में जाना लगा रहता है। इसी बीच बताया जाता है कि शनिवार को प्रदेश अध्यक्ष- बिहार - मिशन गरीब परिवर्तन पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और राष्ट्रीय मुख्य प्रवक्ता व भारतीय हलधर किसान यूनियन बिहार झारखंड प्रभारी शैलेश गिरी को राष्ट्रीय मानव पार्टी के राष्ट्रीय कार्यालय - दिल्ली के कनाॉटप्लेस से एक बहुत ही करीबी मित्र ने फोन कर बुलाया और शैलेश कुमार गिरि आरएमपी के कार्यालय देर शाम पहुंचे। घंटों बातों के उठापटक का दौड़ चला। इस बैठक में मुख्य रूप से एम योगेश सेठी (राष्ट्रीय अध्यक्ष) मुर्सलिम कुरैशी - (राष्ट्रीय उपाध्यक्ष) बीच में शैलेश कुमार गिरी, उनके बायें एम दीपक चोपड़ा (राष्ट्रीय महासचिव -राष्ट्रीय मानव पार्टी) और साथ में पार्टी के करीब एक दर्जन राष्ट्रीय व प्रदेश पदाधिकारी भी मौजूद रहे। वही बताया जाता है कि शैलेश गिरी राजनीति में एक मजे हुए खिलाड़ी हैं तथा वे एक से बढ़कर एक नए कदम भी अपने दल के लिए उठते रहे हैं। हालांकि उन्हें आर्थिक रूप से सहयोग न मिल पाने के कारण कारण वे लोगों के सामने नहीं नजर आते हैं जबकि जितने भी सक्रिय क्रांति तथा सामाजिक उथल-पुथल होते रहते हैं, उनमें इनका भी बड़ा हाथ रहता है।
हमारे संवाददाता के सवालों का जबाब देने से कतराते हुए शैलेश कुमार गिरि ने बताया कि मैं अपने बहुत करीबी मित्र के बुलावे पर राष्ट्रीय मानव पार्टी के कार्यालय आया और आरएमपी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष माननीय एम योगेश सेठी जी से पहली बार मित्रवत शिष्टाचार मुलाक़ात किया। देश और बिहार के संबंध में कुछ सार्थक बातें भी जरुर हुई है। इससे इनकार भी नहीं किया जा सकता। हमारे संवाददाता के दूसरे सवाल पर क्या आप मिशन गरीब परिवर्तन पार्टी छोड़ेंगे? क्या इस पर उन्होंने ने कहा - 'Be quick but never in a hurry and I have not even remotely thought of that'
बताते चले कि शैलेश कुमार गिरि एक जाना पहचाना, किसान मजदूर युवा पीढ़ी के राष्ट्रीय नेता भी है और बिहार और देश में किसानों मजदूरों और युवाओं के लिए रोजगार सृजित कर बेरोजगारी दूर करने पर गहन- गंभीर मंथन करने वालों में सदैव अग्रणी भूमिका में निभाने में कोई कोर कसर उठा नहीं रखते, जिसका सुस्पष्ट उदाहरण 90 के दशक के बाद बिहार में बंद पड़े कल कारखानों और चीनी मिल को पुनः स्थापित कराने हेतु कई महत्वपूर्ण बैठकें की और परिणामस्वरूप बिहार में उठ रही आवाज अब बंद होने का नाम नहीं ले रही है। शैलेश कुमार गिरि हर हमेशा किसान आंदोलन, रोजगार सृजनात्मक आंदोलन, शिक्षकों के आंदोलन, सभी में बने रहने वाले अनुभवी कुशल नेतृत्व कर्ता भी हैं और सभी स्तर के मिडिया कर्मी भी इनके इसी कुशाग्रता से भलि- भांति जानते भी है। ये एक सर्वमान्य नेता भी है।