सात अक्टूबर को ही मनाया जाएगा जीवित्पुत्रिका व्रत!: ज्योतिषाचार्य पण्डित नागेन्द्र शुक्ल
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रिपोर्ट: मनोज सिंह
जीवित्पुत्रिका व्रत (जिउतिया) को लेकर व्रतियों में संशय की स्थिति बनी हुई है। कुछ लोगों द्वारा छह अक्टूबर को मनाए जाने की बात कही जा रही है, तो कुछ लोगों को द्वारा सात अक्टूबर को। इस व्रत को लेकर ज्योतिषाचार्य पण्डित नागेन्द्र शुक्ल ने बताया कि जीवित्पुत्रिका व्रत सात अक्टूबर को ही मनाया जाएगा। व्रतियों की संशय को देखते हुए सप्तमी युक्त अष्टमी में जीवित्पुत्रिका व्रत नहीं किया जाता है। ऐसे में अश्विन मास के कृष्ण पक्ष अष्टमी में जीवित्पुत्रिका व्रत मनाया जाएगा। इस व्रत में माताएं अपने संतान की लंबी उम्र एवं सुख सौभाग्य की प्राप्ति के लिए निर्जला व्रत करती हैं। छह अक्टूबर को नहाए खाए करें। अर्ध रात्रि के पश्चात अपने परंपरा के अनुसार चील सियार तथा पितरों को प्रसाद अर्पण करें। रात्रि तीन बजे तक कुछ और अल्पहार भी ग्रहण कर सकती हैं। सात अक्टूबर को निर्जला उपवास रखें। अगले दिन आठ अक्टूबर को सूर्योदय के उपरांत गो दुग्ध से पारण कर व्रत का अनुष्ठान पूर्ण करें।