भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र को आत्मसात करने से होगी रामराज्य की स्थापना!:-संत ब्रम्हदेवाचार्य जी
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सारण (बिहार) संवाददाता मनोज सिंह: भगवान श्रीराम के जीवन चरित्र को आत्मसात करके ही देश व समाज में रामराज्य स्थापित किया जा सकता है तथा राम चरित मानस सनातन संस्कृति का शाश्वत संविधान एवम उसमें वर्णित श्लोक दोहे छंद चौपाई व सोरठा संस्कारवान मानव जीवन के लिए कानून रूपी अनुच्छेद हैं।
यह बातें शनिवार को माँझी पधारे जगद्गुरु संत ब्रम्हदेवाचार्य जी ने कही। उन्होंने कहा कि भगवान श्री राम द्वारा स्थापित आदर्श को अपनाकर मानव अपने परिवार में भी रामदरबार उपस्थित करने का सामर्थ्य हासिल कर सकता है। अपने उदबोधन में उन्होंने कहा की माँझी संत महात्मा तपस्वियों व स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की भूमि रही है।
उन्होंने कहा कि अयोध्या की पवित्र भूमि को स्पर्श करती हुई माँझी पहुँची सरयु नदी इस स्थल पर मिनी अयोध्या का स्वरूप प्रस्तुत करती हैं। उन्होंने सरयु के किनारे बसे लोगों को अत्यंत भाग्यशाली बताते हुए कहा कि सरयु का जल अमृत के समान है। सरयु में स्नान तथा उसके जल का पान एवम मज्जन सब का सब फायदेमंद ही है। उक्त मौके पर मन्नु जी पाण्डेय, सुरेन्द्र सिंह, उमाशंकर ओझा, घनश्याम ओझा, छोटे मिश्रा तथा मयंक बाबा आदि दर्जनों लोग मौजूद थे।