धार्मिक कार्यक्रमों से युवा पीढ़ी को मिलते हैं श्रेष्ठ संस्कार: महेश बसावतिया
झुंझुनूं (राजस्थान) संवाददाता सुरेश सैनी: आज के परिदृश्य में देखा गया है कि हमारी युवा पीढ़ी पश्चिम सभ्यता की ओर आकर्षित हो रही है। सोशल मीडिया पर रील संस्कृति के माध्यम से फूहड़ता को लेकर शायद ही कोई अनभिज्ञ होगा। युवा पीढ़ी के सनातन धर्म की संस्कृति व मूल्यों से विमुख होने को लेकर भाजपा के वरिष्ठ नेता महेश बसावतिया ने चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि धार्मिक आयोजनो को लेकर युवा पीढ़ी की भागीदारी ही श्रेष्ठ संस्कार प्रदान कर सकती है। रामकथा जैसे आयोजनों से हमें समाज के रिश्तों की मर्यादा का पता चलता है। सुसंस्कृत युवा पीढ़ी सनातन धर्म की रक्षक होने में महती भूमिका अदा कर सकती है।
बसावतिया ने रामचरित मानस का उल्लेख करते हुए कहा कि
धर्म तें बिरति जोग ते ग्याना।
ज्ञान मोच्छप्रद बेद बखाना।।
जातें बेगि द्रवउँ मैं भाई।
सो मम भगति भग जयत सुखदाई।
राम जी पंचवटी में निवास करने लगते हैं। लक्ष्मण जी उनसे ज्ञान, विज्ञान, भक्ति व माया के बारे में पूछते हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम जी कहते हैं कि धर्म पालन से वैराग्य तथा योग से ज्ञान होता है और ज्ञान मोक्षदायक है ऐसा वेद कहते हैं। परंतु जिससे मै शीघ्र प्रसन्न होता हूँ वह मेरी भक्ति है जो भक्तों को सुख देने वाली है। उन्होंने युवा पीढ़ी का आह्वान किया है कि मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम के आदर्शों पर चलकर एक स्वच्छ समाज व सशक्त भारत को बनाने में अपना नाम दे।