माँझी के किसान जाएंगे पटना उच्च न्यायालय!
मुआवजे की घोषित दर को ऊंट के मुँह में जीरा!
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 31 पर बन रहे ग्रीन फील्ड एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए अधिगृहित भूमि के मुआवजे की दर कम आंके जाने से नाराज माँझी के किसान पटना उच्च न्यायालय की शरण लेंगे। माँझी के बलिया मोड़ से मझनपुरा तक के लगभग पांच दर्जन किसानों ने बुधवार को दुर्गापुर हनुमान मंदिर परिसर में एक बैठक आयोजित करके इस आशय का निर्णय लिया।
बैठक में शामिल किसानों ने बताया कि दुर्गापुर, धनी छपरा, कौरुधौरु तथा मझनपुरा के किसानों का भूअर्जन विभाग द्वारा मुआवजे की जो राशि निर्धारित की गई है वह राज्य सरकार द्वारा निर्धारित दर से विपरीत है। उन्होंने मुआवजे की घोषित दर को ऊंट के मुँह में जीरा के समान बताते हुए मानक के अनुसार मुआवजे की राशि का भुगतान करने की मांग की।
किसानों ने बताया कि माँझी नगर पंचायत एवम कौरुधौरु पँचायत की सड़क किनारे की कीमती जमीन तथा कृषियोग्य भूमि सबके दर का निर्धारण एक समान ही कर दिया गया है। किसानों का कहना था कि वर्ष 2023 में जारी दर 2019 में अधिगृहित भूमि की दर से भी कम कर दी गई है। किसानों ने पिछले सप्ताह सारण के आयुक्त को ज्ञापन देकर मुआवजे की राशि बढ़ाने की मांग भी की थी। पैक्स अध्यक्ष नागेन्द्र सिंह तथा बीरेन्द्र सिंह ने बताया कि यदि मुआवजे की दर में बृद्धि नही की गई तो किसान पटना उच्च न्यायालय की शरण लेने को मजबूर होंगे तथा सड़क निर्माण कार्य का भी विरोध करेंगे।
उक्त बैठक में भूषण मिश्र, उदयभान सिंह, जनार्दन सिंह, ललन माँझी, उपेंद्र सिंह, नन्द किशोर चौधरी, विक्रमा कुशवाहा, सुरेन्द्र शर्मा, धनंजय सिंह व धर्मेन्द्र सिंह समेत बड़ी संख्या में महिला-पुरुष व किसान आदि मौजूद थे।