बारिस के अभाव बिचड़े सूखने लगे! किसान चिंतित!
सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: मांझी प्रखंड में पर्याप्त बारिश नहीं हाेने से खेतों में अब धान के बिचड़े सूख रहे हैं और खेतों में दरारें पड़ने लगी है। अगर समय पर धान की बुआई नहीं हुई तो किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा। इसी फसल पर किसानों की सारी उम्मीदें टिकी रहती है।
बिहार में किसानों के साथ क्या होगा? बच्चे को पढ़ाना हो, बेटी की शादी करनी हो या महाजन का कर्ज चुकाना हो सब इसी फसल पर निर्भर करता है। इसको लेकर किसान परेशान नजर आ रहे हैं। पूरे प्रखण्ड के किसान सुखाड़ की समस्या से जूझ रहे है। यहाँ पर्याप्त बारिश नहीं हाेने से धान के बिचड़े सूख रहे हैं और खेतों में दरारें पड़ने लगी है। अगर समय पर धान की बुआई नहीं हुई तो किसानों पर आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा। इसी फसल पर किसानों की सारी उम्मीदें टिकी रहती है। बच्चे को पढ़ाना हो, बेटी की शादी करनी हो या महाजन का कर्ज चुकाना हो सब इसी फसल पर निर्भर करता है।इसको लेकर किसान परेशान नजर आ रहे हैं।मांझी प्रखण्ड के किसान सुखाड़ की आशंका से सहमे हैं। किसान कहते है कि मौसम का मिजाज देखकर नहीं लगता कि इस वर्ष लक्ष्य पूरा हो पाएगा। किसानों को कुछ सूझ नहीं रहा कि वे क्या करें। बारिश नहीं होने से इस बार फिर खरीफ फसल पर ग्रहण लगता दिख रहा है। मौसम की बेरूखी के कारण बोए गये धान के बिचड़े सुख रहे हैं एवं खेतों में दरारें पड़ चुकी है।