कल मिला वक़्त तो,
तेरी जुल्फें सुलझा दूँगा,
आज उलझा हुआ हूँ,
ज़रा वक़्त को सुलझाने में।
वक़्त के मिज़ाज का,
कुछ ऐतबार नहीं,
पर मैं यह नहीं चाहता,
कि बाक़ी की ज़िंदगी,
बीत जाए रूठने मनाने में।
सच्चे प्यार को,
ठुकराने की भूल ना करना,
सच्चा प्यार आज कल,
बड़ी मुश्किल से मिलता है,
इस ख़ुदगर्ज़ ज़माने में।
जहाँ दोनो तरफ़ आग,
एक सी लगी हो,
तभी तो मज़ा आता है,
दिल को लगाने में!
बुरे दिन भी कभी,
आ सकते हैं जीवन में,
तब भी हौंसला रखना,
कुछ हासिल नहीं होगा,
इन परिस्तिथियों से दूर भाग जाने में।
जो चीज़ मुश्किल से हासिल हो,
कुछ ज़्यादा लुत्फ़ आता है,
ऐसा प्यार पाने में।
प्रीतम आन मिलो,
ये पुराने ज़माने का गीत,
मैं अक्सर याद करता हूँ,
बहुत आनंद आता है,
ऐसे गीतों को गुनगुनाने में।
प्यार दोनो तरफ़ मज़बूत होना चाहिए, फिर कोई परेशानी नहीं आती है,
इन रिश्ते नातों को निभाने में।
सारी उम्र मैं सिर्फ़ तेरा ही हूँ,
तेरा ख़याल रखूँगा,
बस तुझ से भी वफ़ा की उम्मीद रखता हूँ इस क़िस्सा ऐ अफ़साने में।