रचना: चुन्नू साह
/// जगत दर्शन न्यूज़
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कोटि कोटि प्रणाम
पुण्यतिथि पर कोटि कोटि प्रणाम है
बिरसा मुंडा जी आप हमारे भगवान है
याद करो वो 9जून का दिन
जब सारे लोगों के मुख थे मलिन
--कि हमारे धरती आबा अब नही रहे
काल के बहाव मे वो भी बहे
शोक की लहर ये जैसे ही फैली
लोगों मे मच गयी खलबली
साजिश से वो मारे गये
या हकीकत मे हमसब को छोड गये
कुछ भी तो हो सकता था उस वक्त
मातृभूमि के बिरसा मुंडा थे परम्भक्त
गुलामी से हमे आजादी दिलाने हेतु
एकता के बाँधे थे वो सेतु
जगह जगह मे घुम घुमकर
लोगों को आजादी को मंत्र देकर
गुलामी से मुक्ति का मार्ग बताते थे
अहिंसा परमोधर्मो का पाठ पढ़ाते थे
लोग उनके बातों को अनुशरण कर
पूजने लगे उसे भगवान मानकर
लेकिन कहावत है न?
हरेक के रहते हैं दुश्मन
बिरसा मुंडा के ही एक हितैषी ने दिये धोखा
अंग्रेजों के हाथों दिया उसे पकड़ा
फिर क्या था??
जेल में तरह तरह के मिलने लगा यातनाए
कुछ नही था उनको वहाँ सुख सुविधाए
और एक दिन अचानक आयी खबर
--कि बिरसा मुंडा जी गये स्वर्ग सिधार
अचंभित हुए समस्त जन
-कि हमसबो को छोड गये हमारे भगवन
लेकिन व्यर्थ नही गये उनके बलिदान
कर गये थे वो कार्य महान
आजादी का बिगुल बजा गये थे
फलस्वरूप आजादी हमसब पा गये
याद आज उनके पुण्यतिथि पर कर
श्रद्धासुमन अर्पित करता हूँ अंजलि भर।
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