जन सुराज कोई सामाजिक अभियान नहीं, ये लोगों के बीच से सही लोगों को चुनकर नई राजनीतिक व्यवस्था बनाने का प्रयास है: सच्चिदानंद राय
पटना (बिहार): जन सुराज मुख्यालय में पत्रकारों को संबोधित करते हुए शुक्रवार को विधान पार्षद सच्चिदानंद राय ने वर्तमान विधायकों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि जन सुराज पदयात्रा से वो प्रयास हो रहा है जिसकी वजह से 2025 के विधानसभा चुनाव में जो आज के निर्वाचित विधायक हैं, उनमें से करीब 80 प्रतिशत विधायक जो काम नहीं करते हैं, वो स्थाई रूप से राजनीति से सन्यास ले लेंगे। ये विधायक चुनाव हारेंगे नहीं, इनके पास साहस नहीं बचेगा कि ये जनता के बीच जाकर वोट मांग सके। जो बचे हुए 20 प्रतिशत विधायक हैं, जो अच्छा काम कर रहे हैं लेकिन वो भूसे में सुई की तरह है जिनको खोजने के लिए चुंबक की जरूरत पड़ेगी तो अभी जो प्रयास हो रहा है उसमें जो ये अच्छे लोग हैं, ये आगे भी राजनीति करेंगे लेकिन जो अच्छे नहीं उनको सन्यास लेना पड़ेगा। अब बिहार वो राजनीति देखने जा रहा है जिसकी संकल्पना हम लोगों ने की थी।
आगे उन्होंने कहा कि बिहार के बाहर धीरे-धीरे बिहारी शब्द गाली बनता जा रहा है, तो बिहार को सुधारने के लिए कोई बाहर से आएगा? नहीं ! बिहार के ही किसी व्यक्ति को खड़ा होना पड़ेगा। लेकिन जो लोग बिहार में रह रहे हैं उनको पता नहीं क्यों लग रहा है कि बिहार में सब कुछ ठीक है, और बिहार को जो लोग बाहर से देखते हैं उनको लगता है कि कुछ भी ठीक नहीं है। इसलिए प्रशांत किशोर ने मुहिम को शुरू किया है, जिसमें बिहार को अपने पैरों पर खड़ा कर सके। इस अभियान में कितनी सफलता मिलेगी? ये समय बताएगा लेकिन इस मुहिम के तहत एक लड़ाई लड़ी, जिसका परिणाम सफलता के रूप में, अफाक अहमद हम लोगों के सामने हैं। बिहार खड़ा होगा, बिहार के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी, युवाओं को रोजगार मिलेगा और बिहार के किसान खुशहाल होंगे और ये होकर रहेगा। यही जन सुराज की परिकल्पना है और जन सुराज इसकी गारंटी देता है।