"दिव्यालय एक व्यक्तित्व परिचय" में हुआ साक्षात्कार
अतिथि : शेफ डाॅ. बलविंदर सिंह
होस्ट: किशोर जैन
रिपोर्ट: सुनीता सिंह सरोवर
हम सभी ने सुना है कि इंसान सिर्फ 3 चीजों के लिए जीता है। रोटी, कपड़ा और मकान। कपड़ा और मकान के बिना वह जिन्दा रह सकता है पर रोटी के बिना जीना तो नामुममकिन है। भारतीय व्यंजन सुनते ही मुँह में पानी आने लगता है फिर वो दाल मखनी हो, दाल बाटी हो, दाल खमणी हो, पिज्जा पास्ता हो या कोई बेकरी आइटम। साथ में मास्टर शेफ का तड़का इसके टेस्ट को चार चाँद लगा देता है। आज दिव्यालय अपने व्यक्तित्व परिचय में कुछ बातें कुछ यादें नई पुरानी में लेकर आया है शेफ बलविंदर सिंह जी को।
परिचय: उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के छोटे से गाँव के रहने वाले शेफ बलविंदर सिंह जी एक बेहतरीन इंसान होने के साथ- साथ एक कुशल शेफ हैं, जिनकी ख्याति और भारतीय व्यंजन का स्वाद देश- विदेश में भी एक अलग पहचान बना चुकी है।
आप विद्यार्थी जीवन में एक औसत छात्र हुआ करते थे और आपकी प्रारम्भिक शिक्षा गाँव के ही सरकारी विद्यालय से हुई आगे की पढ़ाई आपने मेरठ से पूरी की। पीसीएम में ग्रेजुएट होने के बाद एकाएक इनका रुझान इस कार्य की तरफ हुआ और फिर इन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। आज जयपुर जोधा पैलेस, होटल ताज के साथ - साथ अन्य कई नामचीन फाइवस्टार होटलों में अपनी सेवाएं देने के जाने जाते है। साथ ही आपने अपना नीजी आनलाइन फ्री क्लासेस भी दे रहे हैं, ताकि जो युवक - युवती फीस देने में सक्षम नहीं हैं, वे भी इसका लाभ उठा सके और उन्हें भी जीविकोपार्जन का एक जरिया उपलब्ध हो सके। आपने अपने आखिरी संदेश में युवाओं को मार्ग दर्शन देते हुए कहाँ की जीवन में सदा दृढ़ इच्छाशक्ति के साथ आगे बढ़ने का हौसला रखना चाहिए, मंजिल स्वतः तुम्हारा अभिनंदन करेगी।
अंत में बेहतरीन संचालन कर रहे यू.के. से किशोर जैन ने अपने अतिथि को धन्यवाद दिया। इस नेक व सराहनीय कार्य के लिए दिव्यालय की संस्थापक व कार्यक्रम आयोजक व्यंजना आनंद 'मिथ्या ', और अध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक मंजिरी निधि 'गुल'जी को कार्यक्रम आयोजन के लिए धन्यवाद दिया तथा बताया कि इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण Vyanjana Anand Kavya Dhara यूट्युब चैनल पर लाइव हर बुधवार शाम सात बजे हम देख सकते हैं या उसकी रेकॉर्ड वीडियो को बाद में देखा जा सकता है। पूरे दिव्यालय परिवार की तरफ से उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहा कि आप के हौसले को कोटि- कोटि नमन है।