भगवान् की भक्ति में उम्र बाधा नहीं होती- संत श्री राजाराम महाराज
झुंझुनू (राजस्थान) संवाददाता सुरेश सैनी: झुन्झुनू स्थित रघुनाथ जी के मंदिर में आयोजित संगीतमय श्रीमद् भागवत कथा के आज दूसरे दिन चित्रकूट धाम से पधारे संत राजाराम महाराज ने धुर्व की कथा का वर्णन करते कहा कि ध्रूव के चरित्र से हमें शिक्षा मिलती है कि भगवान का भजन और उनको पाने की कोई उम्र नहीं होती। धुरव ने पांच साल की आयु में ही भगवान की कृपा को प्राप्त कर लिया था। धुरव की तरह ही त्याग करके भगवान की भक्ति कर ठाकुर जी को प्राप्त किया जा सकता है।
भाजपा नेता महेश बसावतिया ने बताया इसके साथ ही आज भागवत कथा की शुरुआत दिव्य मंत्रों के साथ सुकदेव वंचना के बारे में वर्णन करते हुए श्रीमद्भागवत की अमर कथा और सुकदेव के जन्म के बारे में विस्तार से वर्णन किया है कि कैसे भगवान कृष्ण ने शुकदेव महाराज को कलियुग में मानव कल्याण के लिए पृथ्वी पर भेजा था। शंकर पार्वती के विवाह की कथा के साथ सुंदर व मनमोहक झांकी भी सजाई गई। आज की कथा सयोजक वसुंधरा राजे समर्थक मंच राजस्थान के सयोजन में श्रीकांत पंसारी उनकी धर्मपत्नी शिवांगी पंसारी, राजकुमार तुलस्यान, योगेश शर्मा, पवन बियाला, पवन पुजारी व मातृ शक्ति ने भगवान शंकर और पार्वती के विवाह में नाचते गाते शामिल हुई।