लता जी के लिए एक श्रद्धांजली!
✍️निरेन कुमार सचदेवा
प्रेस्टिज अगस्ता गोल्फ विलेज,
विला 51, बेंगुलुरू
■
आज जब हम लिखने बैठे,
लता जी के लिए एक श्रद्धांजली
तो दिखा ये अजूबा।
हमारी क़लम ने ही
हमें ये अहसास दिला दिया
कि लता जी जैसा
नहीं हो सकता और कोई दूजा।
दिखे क़लम की रवानी में आंसू ,
यकीनन लता जी के कारण
हम भी संगीत की
करते हैं इबादत, करते हैं पूजा।
धुँधली है अब लिखावट,
शायद स्याही में भी हो गयी है,
आंसुओं की मिलावट!
इधर आँखें हैं हमारी गीली,
उधर स्याही की रंगत भी है
फीकी फीकी, नहीं है गहरी नीली।
आज कोयल की कूक भी
नहीं है उतनी मधुर,
है थोड़ी भिन्न,
शायद कोयल भी,
पूछ रही है कि
कहाँ चली गयी है मेरी साथिन?
सुर स्वयं आज हो गए हैं बेसुरे,
कोई भी इन्हें लता जी जैसा
सम्मान ना दे पाएगा,
ये सोच हैं ये कुछ डरे डरे।
सा रे गा मा पा भी हैं निराश और नासाज़,
हैं मायूस और उदास।
मैं भी क्या लिखूँ,
उपयुक्त शब्दों का है अभाव,
कैसे प्रकट करूँ अपने भाव?
हो गया हूँ मैं निशब्द,
हूँ बहुत परेशान और स्तब्ध!
लता जी की थी ऐसी शकसियत,
लता जी की मौजूदगी से हो जाती थी
संगीत की ऊँची हैसियत।
लता जी थीं स्वर कोकिला,
कुछ ऐसी अजीब ओ गरीब थी
उनके गाने की अदा।
आवाज़ में था अजब दर्द,
उनकी आवाज़ जगा देती है हज़ारों अहसास।
मधुर आवाज़ का तोहफ़ा था,
लता जी के पास।
आज संगीत के जगत में
छाया हुआ है सन्नाटा,
सब संगीत प्रेमियों के दिलों में
उमड़ा हुआ है मायूसी का ज्वार भाटा।
सभी बाशिन्दों की आँखों में है नमी,
कोई भी ना पूरी कर पाएगा
लता जी की कमी।
ख़ैर, लता जी ज़िन्दा रहेंगी
अपने गीतों के माध्यम से,
मन ये मानने को तैय्यार ही नहीं है
कि वो दूर चली गयीं हैं हम से।
लता जी जैसे लोग हो जातें हैं अमर, हज़ारों लाखों दिलों पर
करती रहेगी राज उनकी आवाज़।
लता जी थीं
एक अनमोल हीरा, एक रत्न,
तभी यो आज उनके ना होने से,
शोक में डूबा हुआ है हमारा वतन।
सच पूछो तो आज,
हवाएँ भी हैं गमगीन,
आज उजड़ गया है संगीत का चमन!
Friends , I literally broke down while writing ✍️ these few lines.
Lata jee will always remain alive in our hearts 💕forever !
■■◆■◆■◆■■