"दिव्यालय एक व्यक्तित्व परिचय" में हुआ साक्षात्कार डॉ मेजर प्राची गर्ग "होस्ट किशोर जैन के साथ!
रिपोर्ट: सुनीता सिंह सरोवर
/// जगत दर्शन न्यूज़
फ़ौजी राष्ट्र का गौरव होते हैं। वे अनुशासित, साहसी और निस्वार्थ रूप से हमारी और हमारी मातृभूमि की रक्षा करते हैं। इनका जीवन हमेशा चुनौतियों से भरा होता है फिर वो सैनिक हो, मेजर हो, कर्नल हो या फिर डॉ मेजर ही क्यूँ ना होl आज हम गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर दिव्यालय एक व्यक्तित्व परिचय में साक्षात्कार लेने जा रहे है डॉ मेजर प्राची गर्ग जी का।
मानव जीवन जिसमें कई लोग दूसरों कई जिंदगी से प्रभावित होते हैं तो कई दूसरों की जिंदगी को प्रभावित कर जाते हैं। ये लोग समाज के लिए कुछ कर गुजरने का जज्बा रखते हैं और कामयाबी के रास्ते पर अपने पद चिन्ह छोड़ते चले जाते हैं। इनका कहना होता है कि यदि मन से कोई काम करना हो तो तन और धन अपने आप चला आता है। बचपन से ही बालमीकि समाज के लोगों खास कर बच्चियों को पढा़ने और उनके स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं को सुलझाने का प्रयास करती थीं, कौन जानता था, कि एक दिन आर्मी ज्वाइन कर सैनिकों के साथ- साथ समाज सेवा और साहित्य सेवा से भी जुड़ जाएंगी। कहा जाता है कि आज नारी हर क्षेत्र में अपनी कामयाबी के किस्से लिख रहीं हैं, लेकिन कारगिल युद्ध के दौरान जब शहीद सैनिकों के दुर्व्यवहार की खबरें सुनती तो मुझे यह ख्याल आया कि मैं एक स्त्री हूँ। मेरे साथ कैसा सलूक हो सकता है, उस समय मुझे मरने की चिंता नहीं थी, सिर्फ एक महिला होने की चिंता थी, तब शायद ये लगा की एक महिला के लिए फौजी होना सही नहीं है।
किशोर जैन जी ने आज के दिव्यालय एक व्यक्तित्व परिचय कुछ बातें कुछ यादें नई पुरानी की श्रृंखला में हमारी अतिथि डाॅं मेजर प्राची गर्ग जी ने ऑंखों देखा कारगिल युद्ध का हाल बताया, जिसे सुन कर रौंगटे खड़े हो जाते हैं। कहते हैं ना जब एक योद्धा, एक सैनिक युद्ध के मैदान में होता है तो उसे जीने मरने की नहीं सुझती उसे केवल वतन दिखता है।
और अंत में बेहतरीन संचालन कर रहे यू.के. से किशोर जैन जी ने अपने अतिथियों को धन्यवाद दिया इस नेक व सराहनीय कार्य के लिए दिव्यालय की संस्थापक व कार्यक्रम आयोजक व्यंजना आनंद 'मिथ्या ', और अध्यक्ष व कार्यक्रम संयोजक मंजरी निधि 'गुल'जी को कार्यक्रम आयोजन के लिए धन्यवाद दिया तथा बताया की इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण Vyanjana Anand Kavya Dhara यूट्युब चैनल पर लाइव हर बुधवार शाम सात बजे हम देख सकते हैं या उसकी रेकॉर्ड वीडियो को बाद में देखा जा सकता है।
पूरे दिव्यालय परिवार की तरफ से उन्होंने धन्यवाद ज्ञापित करते हुए कहाँ की आप के हौसलें को कोटि- कोटि नमन है।