दिल्ली : रास्ट्रीय शोषित समाज दल के राष्ट्रीय महासचिव सह मुख्य प्रवक्ता शैलेश कुमार गिरी ने दयाशंकर प्रसाद सिन्हा के विगत दिनों दिए गए विवादास्पद बयान पर कड़ा रुख अख्तियार करते हुए उनपर कार्रवाई की मांग करनी शुरू कर दी है। शैलेश कुमार गिरी ने जगत दर्शन न्यूज़ से एक वार्ता के दौरान कहा कि "दया शंकर प्रसाद सिन्हा जो लेखक, साहित्यकार, तथा नाटककार है, भाजपा से जुड़े हुए संघी विचार धारा के है। विगत दिनों जो इन्होंने ने प्रियदर्शी सम्राट अशोक की तुलना औरंगजेब जैसे क्रूर शासक से तुलना करते हुए दिया, ये संघी विचार धारा को प्रदर्शित करता है। साथ ही साथ मैं एक बहुत ही बड़ी बात देश की जनता को बताना चाहता हूं कि हम सभी जानते भी है और कहा भी गया है कि 'विनास काले विपरीत बुद्धि'। वर्तमान समय में संघी विचार धारा के दुष्परिणाम स्वरूप उत्तरप्रदेश के विधानसभा चुनाव में 11 मार्च 2022 को तो देखने को मिलेगा ही, जो उत्तरप्रदेश बिहार को जोड़ते हुए दिल्ली का रास्ता तय करता है। अब वह समय आ गया है हर हाल में लेखक दयाशंकर प्रसाद सिन्हा को पूर्व में मिले सभी अवार्ड को भारत सरकार उनसे वापस ले और साथ ही उनपर देश द्रोह का मुकदमा भी दायर करे। अन्यथा के स्थिति में आने वाले दिनों में, भाजपा का सुपरा बिहार से भी साफ होना तय है। इसे बिहारवासी और देशवासी कतई बर्दास्त नही करेंगे, क्योंकि प्रियदर्शी सम्राट अशोक का ही प्रतीकात्मक अशोक स्तंभ रास्ट्रीय प्रतीक चिन्ह है, जो हर सरकारी कागजात पर अंकित होता है। इसके मान सम्मान को देखते हुए इसे आम नागरिक बर्दास्त कैसे बर्दास्त कर सकती है! इससे देश की जनता क्षुब्ध है। इसे तो देश मे ही नही हमारे देश के बाहर विदेशों में भी रास्ट्रीय प्रतीक चिन्ह अशोक स्तंभ को सम्मान मिला है, पंरन्तु इनके बयान से सभी हतप्रत है। अतः मैं महामहिम राष्ट्रपति तथा माननीय प्रधानमंत्री जी से यह मांग करता हूँ कि इनपर अविलंब उचित कार्रवाई की जाए।'