राजकीय मध्य विद्यालय ब्रह्म स्थान में मना श्रीमद्भागवत गीता जयंती
सिवान (बिहार): आज मंगलवार को राजकीय मध्य विद्यालय ब्रह्म स्थान, भगवानपुर में मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष मोक्षदा एकादशी के दिन श्रीमद्भागवत गीता जयंती मनाया गया। इसी दिन भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को अपने विराट स्वरूप के दर्शन कराते हुए गीता का ज्ञान दिया था..
श्रीमद्भागवत गीता एक अद्वितीय एवं अनुपम ग्रंथ है जो स्वयं ईश्वर की वाणी है।यह विश्व का एकमात्र ग्रंथ है जिसकी जयंती मनाई जाती है। जिसमें सभी वेद और उपनिषदों का सार है,जो हमें जीवन जीने की कला सिखाता है। इस अवसर पर शिक्षक श्रीकान्त सिंह ने कहा कि आज गीता जयंती है, अपने बच्चों को इस अनुपम दिवस से परिचित करायें व घर में गीता पाठ करें। निश्चित ही इससे नई पीढ़ी को इसकी दिव्यता का ज्ञान होगा जिससे उनका आध्यात्मिक, बौद्धिक विकास व संस्कृति का संरक्षण होगा। 'गीता' में 18अध्याय है, 700श्लोक है, 94569 शब्द है। विश्व की 578 से भी अधिक भाषाओं में गीता का अनुवाद हो चुका है। गीता मानवमात्र का धर्मग्रंथ है, गीता में किसी भी मत-पंथ-मजहब की निंदा नहीं की बल्कि मनुष्य की बात कही है। गीता सभी शास्त्रों का सार है। कुमारी गरिमा एवं प्रियांशु कुमार ने गीता के श्लोक का वाचन किया। इस अवसर पर संजय कुमार, रजनीश मिश्रा, पुष्पा कुमारी, सुल्ताना अब्बासी आदि उपस्थित रहे।