अब बज़्म-ए-सुख़न की महफ़िल प्रत्येक सोमवार को
Nazm E Hind (वसुधैव कुटुंबकम्) एक मुकाम है साहित्य का, जहां मिलते कवि, शायर, गीतकार, गजलकार आदि एक ही प्लेटफॉर्म पर। अब नज्म के हिन्द के द्वारा प्रत्येक सोमवार को बज्म-ए-सुख़न की महफ़िल सजेगी। इसके लिए इन्होंने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि आप सबके साथ ने और प्यार ने हमको हमेशा आगे बढ़ने का हौसला दिया है। हमारा भी फर्ज़ बनता है कि हम हर बार आगे कदम बढ़ाए और कुछ नया आप सबके मनोरंजन के लिए लेकर आए।
तो आप सब तैयार हो जाइए हम लेकर आ रहे हैं आपके लिए ग़ज़लों और गीतों से सजा एक लाइव शो जिसका नाम है..
बज़्म-ए-सुख़न
प्रत्येक सोमवार रात 09:00 बजे महफ़िल सजेगी। जहां बड़े से बड़े ग़ज़लकार और गीतकार आप सब से रूबरू होंगे।
इस बार आप सबसे रूबरू होने जा रहे हैं सुविख्यात कवि व ग़ज़लकार शारिक़ क़मर जी, हैदर हुसैन जी, मुस्तकी़म दिलकश जी, वासिफ़ क़मर जी, आसिम क़मर जी। इस कार्यक्रम का संचालन नीरज झा जी के द्वारा किया जाएगा जो कि खुद एक बेहतरीन ग़ज़लकार हैं।
तो मिलते हैं सोमवार रात 09:00 बजे और लुत्फ़ उठाते हैं एक बेहतरीन रात का। आप सभी अपने मित्रों के साथ सादर आमंत्रित हैं।