सभी कातिब हो जाएंगे बेरोजगार यादि.......
मशरक (बिहार) धर्मेन्द्र सिंह की रिपोर्ट: छपरा जिले के मशरक अवर निबंधन कार्यालय में कातिब के द्वारा लिखे गए डीड के आधार पर निबंधन होता है। वर्ष 2016 से मॉडल डीड की हुई शुरुआत प्रक्रिया आज भी ठंढे बस्ते में है। हालांकि निबंधन विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक के होने के बाद गति देने की चर्चा सुनी जा रही है। इसके लिए अवर मुख्य सचिव ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के बाद मॉडल डीड पर रजिस्ट्री शुरू होने को कहा है, लेकिन निबंधन कार्यालय में विभागीय पत्र का इंतिजार हो रहा है। कार्यालय में उपस्थित शनिवार को निबंधन पादाधिकारी अरबिंद कुमार पांडेय ने बताया कि विभागीय निर्देश प्राप्त होते ही मॉडल डीड की प्रक्रिया पूरी तरह लागू कर दी जाएगी। जानकारी के अनुसार मशरक अवर कार्यालय का राजस्व टारगेट शत प्रतिशत कातिब के भरोसे दिया जा रहा है। वर्तमान वितीय वर्ष में 12 करोड़ 20 लाख का सालाना टारगेट है, जिसमें अभी प्रतिमाह 1 करोड़ 8 लाख राजस्व आ रहा है। सालाना 6 हजार डीड में अभी प्रतिदिन 40 से 45 डीड निबंधन के लिए आ रहे है। डीड बनाने का कार्य 55 कातिब तथा दो दर्जन स्टाम्प विक्रेताओं के द्वारा बिक्री किये गए स्टाम्प पर तैयार किया जाता है। स्टाम्प विक्रेता संघ के अध्यक्ष धर्मनाथ सिंह उर्फ टाईप मास्टर, विजय शंकर दुबे, देवनाथ गुप्ता, शशि लाल, राघो सिंह, मुना प्रसाद सहित अन्य भी मॉडल डीड की खबर सुनकर परेशान हो रहे हैं। इन लोगों का कहना है कि अगर मॉडल डीड शुरू हुआ तो सैकड़ो परिवार की रोजी रोटी छीन जाएगी। परिवार का भरण पोषण मुश्किल हो जाएगा वैकल्पिक व्यवस्था किये बगैर लागू करना परेशानी का कारण बन सकता है। यदि ऐसा किया गया तो आमरण अनसन करने के लिए हमलोग विवश हो जाएंगे।