💐💐 करवा चौथ पर विशेष 💐💐
अपने चांद का दीदार, चलनी से करूंगी
रचना : प्रिया पांडेय 'रौशनी'
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पहन के लाल साड़ी
सोलह श्रृंगार मैं करूंगी,
अपने माथे को
लाल बिंदी से सजाऊंगी,
पहन के कानो में
झुमके सजना को झुमाऊंगी,
अपने बालों को
गजरे से महकाऊंगी,
अपने गले को
सजन के
मंगलसूत्र और सोने के हार से सजाऊंगी,
अपने नाक को
नथिया से सजाऊंगी,
अपने होठों को
लाल लिपस्टिक से सजाऊंगी,
हाथो में अपने
सजन के नाम की मेंहदी लगाऊंगी,
कमर में पहन कमरबंद
अपने पिया को लुभाऊंगी,
अपनी कलाइयों को
लाल-लाल चूड़ियों से सजाऊंगी,
अपने पैरो को
पायल और बिछिया से सजाऊंगी,
लाल लाल आलता भी
मैं ही लगाऊंगी,
लगा के सिंदूर अपने मांग में
मैं अपने श्रृंगार को सम्पूर्ण करूंगी,
ओढ़ के अपने सर पर लाल चुनरी,
अपने सजन को मन में बसाऊंगी,
हाथों में लेकर पूजा की थाल,
अपने उस चांद को निहारूंगी,
जिसने मेरे जीवन को
रोशनी से भर दिया,
अपने उस चांद का मैं
चलनी से दीदार करुंगी!
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