छपरा बिहार: एक छोटे से बालक रौनक रतन ने खोल दी बिहार के सुशासन की पोल। अपने सुर साधना और गायकी का जलवा का लोहा मना चुका रौनक अपने गीत के कारण भी वायरल होता रहा है ।
छपरा जिले का नाम करता रौनक रतन पिता रत्नेश रतन घर ताजपुर फुलवरिया एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार का गाना ये है ये बिहार है मामला तो चन्द होगा, जब तलक न घूसखोरी बंद होगा।
बिहार की जनता 15 वर्षो से नीतीश सरकार पर भरोसा करती रही है । पर क्या विकास है ? कहाँ तक विकास है? कहाँ तक समानता आयी है?कहाँ अपराध कम हुए?कहाँ घूसखोरी बंद हुआ?कहाँ नौकरियाँ निकली? कहाँ बेखौफ घुमा जा सकता है? क्या हाल है शिक्षा व्यवस्था की, स्वास्थ्य विभाग की,बिजली विभाग की, जल नल योजना की? ऐसे हजारों सवाल आज भी बिहार की जनता आज ढूढं रही है। इसी हालात से गुजर रहे आम नागरिक के मन जब कुंठित होते है तब अनायास ही रौनक के जैसे गीत निकल ही जाते है।
कल्याण राजनीति से नही , कल्याणकारी कार्यो से होती है। यह बहुत दुख की बात है कि बिहार में एक से बढ़ कर एक प्रतिभा होते हुए भी बदनाम होता आया है तथा अभी तक यह पिछड़ा राज्य का टैग लेकर लुढ़क रहा है। कभी राजनीति को लेकर तो कभी भोजपुरी भाषा को लेकर। राजनीति अपने जगह है इसकी रोटी जनता के उम्मीदों पर नही सेकनी चाहिए। जनता राजनीति नही अपना विकास खोजती है।