■■■ सुख भरा समय ■■■
दुख के काले बादल
अब छठ गय है
सुख की सफेद रोशनी
दिखाई देने लगी चारो ओर
चलो आंखो से आसुओं को पोछे
होठ पर मर्म भरी मुस्कान लाए
चलो दिखा दे उनको
जो हमारा बुरा सोचते थे
तालियों की जगह
हमे गलियां देते थे
चलो उनके कड़वे होठों को
मीठे रस की लालिया देते है
अपना चमन तो हम
बाद मैं भी रोशन कर लेगे
आओ पहले सामने वाले का आंगन
अपने रोशनदानों से रोशन करते है
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆◆
कविश्री रोशन जी
【संपर्क सूत्र : 8269105818】