बहारे जब भी आती है l
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बहारे जब भी आती है l
हजारों गम साथ लाती है l
ये दिन अश्क़ बहता है l
सांसे थम सी जाती है l
कदम कदम पर ये ज़िन्दगी
घोखे हम से निभाती जाती है l
ना दूसरी कोई आस नजर आती है l
ना ही कोई भरोसा हमें दिलाती है l
बहारे जब भी आती है l
हजारों गम साथ लाती है l
फिर तो ना दुआएं काम आती है l
रूह भी बस सिसकती रह जाती है l
दो पग की दुरी भी मीलों सी लगती है l
शीतल जल भी तब विष से भरा हुआ दिखता है l
बहारे जब भी आती है l
हजारों गम साथ लाती है l
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आलिया खान