मांझी ( सारण):लॉकडाउन के शुरुआत में ही जब बच्चों के शिक्षा से बेखबर कोरोना ने दूसरी बार दस्तक दिया , पूरा हिंदुस्तान शिक्षण कार्य में बाधा से चिंतित हो उठा। कहा जाता है कि एक पिता ही जान सकता है एक बेटे के मन का हाल। इस चरितार्थ को साबित किया बिहार के जाने माने प्रतिष्टित लोकगायक रत्नेश रतन ने।
सच्चाई
अभी कुछ दिन पहले बेटे रौनक के शिक्षा के प्रति चिंताओं को भांपते हुए उन्होंने ने एक गीत लिखा ' खुलते ही मेरा स्कूल तुम आ जाते हो कोरोना'।इस गीत को खुद रौनक ने बेहतरीन शैली में इस कदर गया कि रातों रात वह वायरल हो गया। पूरे देश के लोगों ने शुभकामनाएं दी तथा खूब सराहा।अब उसका नया गीत 'कोरोना ने जिंदगी झंड कर दिया' फिर से चर्चित हो गया। लोग जम कर तारीफ करते है।
रौनक रतन का संक्षिप्त परिचय
पूरा नाम: रौनक रतन
पिता : रत्नेश रतन
घर : ताजपुर फुलवरिया
थाना: मांझी
जिला: सारण, छपरा बिहार
दादा जी: श्री उमेश सिंह( शिक्षक, आकाशवाणी कलाकार पटना)
कोरोना ने जिंदगी झंड कर दिया
संगीतकार: असगर जी
कैमरा : रुस्तम जी
गीतकार: पिता रत्नेश रतन