सुरक्षित गर्भ समापन प्रशिक्षण से मातृ मृत्यु दर घटाने पर जोर, छपरा में चिकित्सकों का क्षमतावर्धन
छपरा, 24 दिसंबर 2025
मातृ मृत्यु दर में कमी लाने और महिलाओं को सुरक्षित, कानूनी तथा सुलभ गर्भ समापन सेवाएं उपलब्ध कराने के उद्देश्य से स्वास्थ्य विभाग द्वारा लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी क्रम में क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधन इकाई (आरपीएमयू) के तत्वावधान में तथा आईपास के सहयोग से सदर अस्पताल परिसर स्थित सभागार में सुरक्षित गर्भ समापन को लेकर एक विशेष प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया। इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य एमटीपी एक्ट के प्रावधानों की व्यावहारिक जानकारी देकर चिकित्सकों और ग्रामीण स्तर की महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का क्षमतावर्धन करना रहा।
प्रशिक्षण सत्र को संबोधित करते हुए क्षेत्रीय अपर निदेशक स्तर के अधिकारियों ने कहा कि असुरक्षित गर्भ समापन मातृ मृत्यु का एक प्रमुख कारण रहा है। यदि समय पर, प्रशिक्षित चिकित्सकों द्वारा और कानून के दायरे में गर्भ समापन सेवाएं उपलब्ध कराई जाएं, तो मातृ मृत्यु दर को प्रभावी रूप से कम किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि सुरक्षित गर्भ समापन न केवल महिला के स्वास्थ्य की रक्षा करता है, बल्कि उसके सामाजिक और मानसिक जीवन को भी सुरक्षित बनाता है।
मुख्य प्रशिक्षक ने एमटीपी एक्ट-1971 की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस कानून के लागू होने से पहले गर्भ समापन पूरी तरह अवैध था, जिसके कारण महिलाएं घरेलू और असुरक्षित तरीकों का सहारा लेती थीं और कई मामलों में उनकी जान तक चली जाती थी। इन गंभीर परिस्थितियों को देखते हुए वर्ष 1971 में एमटीपी एक्ट लागू किया गया, जिससे कुछ शर्तों के साथ सुरक्षित गर्भ समापन को कानूनी मान्यता मिली। बाद में संशोधन कर 20 से 24 सप्ताह तक के गर्भ को भी विशेष परिस्थितियों में नियमों के तहत समापन की अनुमति दी गई।
क्षेत्रीय कार्यक्रम प्रबंधक प्रशांत कुमार ने जानकारी दी कि सारण प्रमंडल अंतर्गत चार अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और एक शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा पदाधिकारियों को यह प्रशिक्षण दिया जा रहा है। सदर अस्पताल की महिला रोग विशेषज्ञ डॉ भारती सिंह एवं रक्त अधिकोष केंद्र की नोडल अधिकारी डॉ किरण ओझा द्वारा संयुक्त रूप से चिकित्सीय गर्भपात सेवाओं पर तीन दिवसीय प्रशिक्षण संचालित किया जा रहा है। इसके तहत प्रशिक्षित चिकित्सक 9 सप्ताह तक के गर्भ का सुरक्षित एवं चिकित्सीय विधि से, निर्धारित शर्तों के अनुरूप, गर्भ समापन कर सकेंगे।
प्रशिक्षण शिविर में आरपीएमयू की ओर से लेखा प्रबंधक विजय कुमार राम, क्षेत्रीय मूल्यांकन एवं अनुश्रवण पदाधिकारी शादान रहमान, क्षेत्रीय आशा समन्वयक संतोष कुमार सिंह, क्षेत्रीय बायो मेडिकल इंजीनियर साबित्री पंडित, अकाउंटेंट निहारिका कुमारी, आईपास के क्षेत्रीय समन्वयक श्याम कुमार सहित अन्य पदाधिकारी एवं कर्मी उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में कहा कि सुरक्षित गर्भ समापन सेवाओं का विस्तार ही मातृ स्वास्थ्य को सशक्त बनाने की दिशा में निर्णायक कदम सिद्ध होगा।

