देवउठनी एकादशी पर भक्ति भाव से सम्पन्न हुआ गौ पूजन कार्यक्रम, उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब
✍️प्रेरणा बुड़ाकोटी
चांपा (छत्तीसगढ़): देवउठनी एकादशी के पावन अवसर पर भारतीय कुष्ठ निवारक संघ गौशाला, कात्रेनगर में शनिवार को भक्ति और श्रद्धा से ओतप्रोत गौ पूजन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस मौके पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु, ग्रामीण और संघ से जुड़े सेवाभावी कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
कार्यक्रम की शुरुआत वैदिक मंत्रोच्चार और मंगलाचरण के साथ हुई। इसके बाद श्रद्धालुओं ने गौ माता का पूजन-अर्चन कर गौ सेवा, ग्राम उत्थान और पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया। इस दौरान उपस्थित वक्ताओं ने कहा कि गाय केवल एक पशु नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति की आत्मा है। जिस समाज में गौ सेवा होती है, वहाँ शांति और समृद्धि का वास होता है।
उन्होंने बताया कि देवउठनी एकादशी भगवान विष्णु के शयन से जागने का प्रतीक दिन है और इस दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। गौ पूजन का विशेष महत्व इसलिए भी है क्योंकि गाय को देवी-देवताओं का निवास स्थान माना गया है।
कार्यक्रम में श्री लोमसराम साहू, श्री लक्ष्मी नारायण साहू, श्री घनश्याम तिवारी, श्री दिनेश सिंह चंदेल, श्री ललित देवांगन सहित कई प्रमुख व्यक्तित्व शामिल हुए। सभी ने मिलकर गौ आरती की और गायों को चारा, गुड़, पुष्प व जल अर्पित कर आशीर्वाद लिया।
गौशाला परिसर भक्ति और सेवा भावना से गूंज उठा। गौसेवा से जुड़े स्वयंसेवकों ने बताया कि गाय केवल धार्मिक दृष्टि से ही नहीं, बल्कि कृषि, पर्यावरण और ग्राम्य अर्थव्यवस्था की रीढ़ है। संघ के पदाधिकारियों ने कहा कि गौशाला में नियमित रूप से चिकित्सा, चारा वितरण और संरक्षण के कार्य चल रहे हैं तथा आगे इसे और विस्तार देने की योजना है।
कार्यक्रम के अंत में सभी उपस्थित जनों ने सामूहिक रूप से यह संकल्प लिया —
“गाय है संस्कृति की जड़, गाँव की आत्मा और खेतों की माँ — गौ सेवा ही ग्राम सेवा है।”
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