बिहार विधानसभा चुनाव 2025: सीट बंटवारा और गठबंधन की राजनीति
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पटना (बिहार): बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए राजनीतिक दलों के बीच सीट बंटवारे और गठबंधन को लेकर हलचल तेज हो गई है। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी रणनीति तय कर ली है, जिसमें भारतीय जनता पार्टी (BJP) और जनता दल (यूनाइटेड) [JD(U)] दोनों 101-101 सीटों पर चुनाव लड़ेंगी। इसके अलावा, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (LJP-R) को 29 सीटें और जीतनराम मांझी की राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (RLSP) तथा उपेंद्र कुशवाहा की हिंदुस्तानी आवाम मोर्चा (HAM) को 6-6 सीटें मिली हैं। इस बंटवारे में किसी एक दल को प्रमुख भूमिका नहीं दी गई, जिससे NDA में संतुलन कायम रहता है।
वहीं, महागठबंधन (INDIA) में सीट बंटवारे को लेकर असहमति जारी है। राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने 46 उम्मीदवारों की सूची तैयार की है, लेकिन कांग्रेस और अन्य सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे को लेकर मतभेद हैं। कांग्रेस ने 76 सीटों की मांग की है, जिसे RJD के नेताओं ने संतुलन बनाए रखना मुश्किल बताते हुए चुनौती माना है। झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने भी 12 सीटों की मांग रखी है, और अगर उसकी मांग पूरी नहीं हुई तो वह स्वतंत्र रूप से चुनाव लड़ने की चेतावनी दे चुका है। इस असहमति के कारण महागठबंधन की सीट बंटवारे की अंतिम घोषणा में देरी हो रही है। सूत्रों के अनुसार, RJD नेता दिल्ली में कांग्रेस नेताओं से मुलाकात कर इस मुद्दे का समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं।
इसी बीच राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी (RLJP) के अध्यक्ष पशुपति कुमार पारस ने महागठबंधन के नेता तेजस्वी यादव का विलय प्रस्ताव ठुकरा दिया है। पारस अब असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी AIMIM के साथ गठबंधन की संभावनाओं पर विचार कर रहे हैं और स्पष्ट किया है कि उनकी पार्टी LJP-R के सभी सीटों पर उम्मीदवार उतारेगी, जिन पर चिराग पासवान की पार्टी चुनाव लड़ रही है।
बिहार विधानसभा चुनाव दो चरणों में होंगे। पहला चरण 6 नवंबर 2025 को और दूसरा चरण 11 नवंबर 2025 को संपन्न होगा। चुनाव में चार लाख से अधिक सुरक्षा कर्मियों की तैनाती की जाएगी, जिससे मतदान शांतिपूर्ण और सुरक्षित ढंग से संपन्न हो सके।
बिहार की राजनीतिक हवा में यह सीट बंटवारे और गठबंधन की स्थिति आगामी चुनाव परिणामों को काफी प्रभावित कर सकती है। एनडीए और महागठबंधन दोनों ही अंतिम समय तक अपनी रणनीतियों में बदलाव कर सकते हैं, जिससे राज्य की राजनीतिक तस्वीर आगामी हफ्तों में और स्पष्ट होगी।

