सारण में प्रमंडल स्तरीय समीक्षा बैठक: मद्य निषेध का प्रभावी क्रियान्वयन और त्योहारों-चुनाव में होगी सख्ती
सारण (बिहार): छपरा में आगामी त्योहारों और आसन्न बिहार विधानसभा आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए आज प्रमंडल स्तरीय समीक्षा बैठक आयोजित की गई। बैठक की अध्यक्षता सचिव, मद्य निषेध, उत्पाद एवं निबंधन श्री अजय यादव और अपर पुलिस महानिदेशक (मद्य निषेध) श्री अमित कुमार जैन ने की। बैठक का मुख्य उद्देश्य प्रमंडल में मद्य निषेध के प्रभावी क्रियान्वयन के साथ शराब कारोबारियों पर नियंत्रण और उनकी आर्थिक गतिविधियों की जांच सुनिश्चित करना था।
बैठक में उत्पाद आयुक्त, बिहार श्री अंशुल अग्रवाल ने पीपीटी के माध्यम से सारण प्रमंडल के तीनों जिलों के संसाधन, की गई कार्रवाई, उपलब्धियाँ और अपेक्षाओं की जानकारी प्रस्तुत की। सभी बिंदुओं पर समीक्षा करते हुए महत्वपूर्ण दिशा-निर्देश जारी किए गए। शराब के अवैध परिवहन को नियंत्रित करने के लिए ट्रांसपोर्टर्स के साथ बैठक की गई, औचक जाँच की व्यवस्था सुनिश्चित की गई और रेल पुलिस के समन्वय से रेलगाड़ियों की निरंतर निगरानी करने के निर्देश दिए गए। इसके अलावा, उत्पाद अधिनियम के तहत पुराने चार्जशीट अपराधियों पर नजर रखने, हॉटस्पॉट पर गहन छापामारी, नदी क्षेत्रों में रिवर पेट्रोलिंग और ड्रोन कैमरों के माध्यम से निगरानी बनाए रखने के उपाय तय किए गए।
उत्तर प्रदेश के सीमावर्ती जिलों के साथ बेहतर समन्वय स्थापित कर शराब के अवैध परिवहन पर नियंत्रण करने और जप्त शराब तथा वाहनों के विनष्टिकरण और नीलामी की समयबद्ध व्यवस्था सुनिश्चित करने के निर्देश भी दिए गए। इसके अतिरिक्त, न्यायालय में दर्ज वादों के ट्रायल में तेजी लाने के लिए तीनों जिलों के विशेष लोक अभियोजकों को निर्देशित किया गया कि गवाहों की उपस्थिति, वारंट की तामील और केस की अद्यतन स्थिति की सूची समय पर तैयार की जाए।
बैठक में प्रमंडलीय आयुक्त सारण श्री राजीव रौशन, डीआईजी श्री नीलेश कुमार, उत्पाद आयुक्त श्री अंशुल अग्रवाल, जिलाधिकारी सारण श्री अमन समीर, वरीय पुलिस अधीक्षक सारण डॉ. कुमार आशीष, पुलिस अधीक्षक गोपालगंज, विभिन्न अनुमंडल पदाधिकारी, अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी, उपायुक्त उत्पाद, सभी जिलों के सहायक आयुक्त/अधीक्षक उत्पाद और विशेष लोक अभियोजक (उत्पाद) उपस्थित थे।
इस बैठक से स्पष्ट हुआ कि सारण प्रशासन मद्य निषेध के सख्त और प्रभावी क्रियान्वयन के लिए प्रतिबद्ध है, ताकि जनता के स्वास्थ्य, सुरक्षा और चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।