माँझी कृषि विज्ञान केन्द्र में राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के अन्तर्गत प्राकृतिक खेती विषय पर कृषि सखियों के लिये पॉच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम का समापन!
सारण (बिहार) संवाददाता मनोज कुमार सिंह: प्राकृतिक खेती की ओर कृषि सखियों के साथ साथ किसानों का रुझान बढ़ाने के लिए मांझी कृषि विज्ञान केन्द्र के सभागार में शुक्रवार को प्राकृतिक खेती विषय पर पॉच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम सम्पन्न हो गया। कार्यक्रम के समापन समारोह में केवीके के उद्यान विशेषज्ञ डॉ. जितेन्द्र चंदोला,पौधा संरक्षण विशेषज्ञ डॉ. जीर विनायक,कृषि अभियांत्रिकी विशेषज्ञ डॉ. सुषमा टम्टा एवं कार्यक्रम सहायक डॉ. विजय कुमार ने सारण जिले के माँझी, रिवीलगंज, सदर, दिघवारा एवं सोनपुर प्रखण्ड के प्रशिक्षण में भाग ले रहे 28 कृषि सखियों को प्रमाण पत्र प्रदान किया। डॉ. जितेन्द्र चंदोला ने प्राकृतिक खेती के प्रशिक्षण के महत्व के बारे में कृषि सखियों को बताया एवं अच्छे से प्रचार प्रसार करने के लिए प्रेरित किया। साथ ही कृषि सखियों से कहा कि प्राकृतिक खेती समय की माँग है इसको अपनाने की बहुत ही आवश्यकता है। सभी कृषि सखियों को इन पॉच दिनों में प्राकृतिक खेती के इतिहास, महत्व, प्राकृतिक खेती में उपयोग होने वाले उपकरणों, मृदा स्वास्थ्य में सुधार, प्राकृतिक खेती से कीट एवं रोगों के प्रबंधन, प्राकृतिक खेती के घटक, स्तंभ एवं सिद्वांत, जीवामृत, घनजीवामृत, बीजामृत एवं नीमास्त्र, ब्रह्मास्त्र इत्यादि बनाने की विधि एवं विभिन्न फसलों में उपयोग, प्राकृतिक, जैविक एवं रासायनिक खेती में अन्तर के बारे में विस्तृत में जानकारी भी दी गई। प्रशिक्षण कार्यक्रम में सारण जिले के माँझी, रिवेलगंज, सदर, सोनपुर एवं दिग्वारा प्रखण्ड के कुल 28 कृषि सखियों ने प्रशिक्षण पूरा किया। कार्यक्रम के अंत में कृषि सखियों के बीच परीक्षा कराई गई जिसमें प्रथम स्थान शीला देवी, दूसरा - छाया कुमारी, तीसरा- अनिभा कुमारी, चौथा - गुड़िया कुमारी एवं पांचवां- सोनम कुमारी रही तथा 5 प्रतिभागियों को किसान डायरी देकर सम्मानित किया गया।