गोपालगंज ने तोड़ी कालाजार की जंजीरें, उन्मूलन की ओर बढ़ा कदम
• कालाजार डोजियर प्रिपरेशन पर कार्यशाला का आयोजन
• लगातार तीन साल से 1 से कम केस
• स्वास्थ्य विभाग ने शुरू किया प्रमाणन की प्रक्रिया
गोपालगंज (बिहार): गोपालगंज जिले को कालाजार मुक्त बनाने की दिशा में स्वास्थ्य विभाग ने एक और महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। लगातार तीन वर्षों से जिले के 11 प्रभावित प्रखंडों में प्रति 10 हजार आबादी पर कालाजार के एक से कम केस दर्ज हो रहे हैं। यह उपलब्धि जिले को कालाजार उन्मूलन का दर्जा दिलाने की दिशा में अहम साबित होगी। अब जिला विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के प्रमाणन की ओर बढ़ रहा है। इसी कड़ी में सदर अस्पताल सभागार में कालाजार डोज़ियर प्रिपरेशन पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला की अध्यक्षता सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र प्रसाद ने की, जबकि संचालन जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुषमा शरण ने किया। इसमें सभी प्रखंडों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, स्वास्थ्य प्रबंधक, कालाजार कैंप इंचार्ज और वेक्टर बॉर्न डिजीज सुपरवाइजर ने भाग लिया। प्रशिक्षक के तौर पर विश्व स्वास्थ्य संगठन के राज्य प्रतिनिधि डॉ. राजेश पांडेय, जिला वेक्टर जनित रोग सलाहकार अमित कुमार और पिरामल हेल्थ के प्रोग्राम लीड मिथिलेश कुमार ने तकनीकी जानकारी दी।
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डोज़ियर प्रिपरेशन पर फोकस
इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य स्वास्थ्यकर्मियों को डोज़ियर प्रिपरेशन की प्रक्रिया में दक्ष बनाना था। डोज़ियर ही आगे जाकर कालाजार उन्मूलन प्रमाणन और पुरस्कार का आधार बनेगा। इसमें प्रखंडवार कालाजार के केस, रोकथाम गतिविधियों, केस मैनेजमेंट, सर्विलांस रिपोर्ट, दवा और इलाज की उपलब्धता जैसी जानकारियों का पूरा रिकॉर्ड संकलित किया जाएगा।
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पुरस्कार और मानक
• यदि किसी प्रखंड में एक वर्ष में प्रति 10,000 आबादी पर कालाजार के एक से कम मामले दर्ज होते हैं, तो उसे उन्मूलन लक्ष्य हासिल माना जाएगा।
• लगातार तीन वर्षों तक यह स्थिति बनाए रखने वाले प्रखंड को नकद पुरस्कार और प्रमाणपत्र दिया जाएगा।
• इस मानक को हासिल करने में गोपालगंज जिले ने सफलता पाई है।
पूरी निष्ठा और सतर्कता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाएं
सिविल सर्जन डॉ. वीरेंद्र प्रसाद ने कहा कि कालाजार उन्मूलन स्वास्थ्य विभाग की प्राथमिकताओं में शामिल है। उन्होंने स्वास्थ्यकर्मियों से अपील की कि वे पूरी निष्ठा और सतर्कता के साथ अपनी जिम्मेदारी निभाएं, ताकि जिले को पूरी तरह कालाजार मुक्त बनाया जा सके।
वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुषमा शरण ने बताया कि प्रशिक्षण के जरिए डोज़ियर तैयार करने की तकनीकी जानकारी दी गई है। उन्होंने कहा कि जिले के सभी प्रखंड तय मानकों के अनुसार रिपोर्ट तैयार करें, ताकि प्रमाणन की प्रक्रिया को गति मिले। कार्यशाला में वीडीसीओ राजेश कुमार, बिपिन कुमार एवं प्रशांत कुमार भी उपस्थिति थे।