महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण से शुरू हुआ पत्रकार सत्याग्रह
गैर-मान्यता प्राप्त पत्रकारों को पेंशन योजना में शामिल करने की मांग, मुख्यमंत्री को ज्ञापन सौंपा
बेतिया, 6 अक्टूबर 2025
महात्मा गांधी की कर्मभूमि चंपारण में आज लोकतंत्र के चौथे स्तंभ — पत्रकारों — ने अपनी उपेक्षा के खिलाफ सत्याग्रह की राह पकड़ी। सोमवार को बेतिया कलेक्ट्रेट परिसर में आयोजित एक दिवसीय सांकेतिक धरने के माध्यम से पत्रकारों ने गैर-मान्यता प्राप्त और ग्रामीण पत्रकारों को भी पेंशन योजना का लाभ दिलाने की मांग की।
धरना के उपरांत पत्रकारों के एक प्रतिनिधिमंडल ने अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति की पश्चिम चंपारण शाखा के अध्यक्ष मधुकर मिश्रा के नेतृत्व में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को संबोधित ज्ञापन डीडीसी के माध्यम से सौंपा।
“₹15,000 की पेंशन स्वागत योग्य, पर ग्रामीण पत्रकार वंचित”
ज्ञापन में कहा गया कि बिहार सरकार द्वारा पत्रकारों की पेंशन राशि ₹6,000 से बढ़ाकर ₹15,000 प्रतिमाह करना सराहनीय कदम है, लेकिन यह योजना केवल मान्यता प्राप्त पत्रकारों तक सीमित है। जिले, अनुमंडल, प्रखंड और पंचायत स्तर पर काम करने वाले हजारों पत्रकार इस योजना से पूरी तरह वंचित हैं।
पत्रकारों ने कहा कि बिहार में लगभग 30-40 हजार सक्रिय पत्रकार ग्रामीण समाज की आवाज सरकार तक पहुँचाते हैं, लेकिन उन्हें न वेतन मिलता है, न पेंशन, न सुरक्षा, न स्वास्थ्य सुविधा।
“बेतिया कलेक्ट्रेट परिसर में मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते पत्रकारों का प्रतिनिधिमंडल — सोमवार को एक दिवसीय धरना में जुटे पत्रकार।”
“सरकार और मीडिया संस्थान दोनों जिम्मेदार”
पत्रकारों ने आरोप लगाया कि कई मीडिया संस्थान ग्रामीण पत्रकारों से खबरें तो लेते हैं, लेकिन उन्हें “स्थायी पत्रकार” नहीं मानते।
अधिकांश के पास न नियुक्ति पत्र होता है, न मान्यता, और चुनाव या सरकारी कार्यक्रमों में अस्थायी परिचय पत्र देकर केवल खानापूर्ति की जाती है।
पत्रकारों की प्रमुख मांगें
1️⃣ पंचायत से संसद स्तर तक “पत्रकार आयोग” का गठन किया जाए।
2️⃣ सभी गैर-मान्यता प्राप्त व ग्रामीण पत्रकारों को पेंशन योजना में शामिल किया जाए।
3️⃣ पत्रकारों व उनके परिवारों के लिए निःशुल्क स्वास्थ्य बीमा योजना लागू की जाए।
4️⃣ निर्णय प्रक्रिया में पत्रकारों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित किया जाए।
5️⃣ पेंशन पात्रता अवधि 20 वर्ष से घटाकर 10 वर्ष और उम्र सीमा 60 से घटाकर 50 वर्ष की जाए।
6️⃣ जिला जनसंपर्क पदाधिकारी की अध्यक्षता में स्थायी समिति गठित कर पात्र पत्रकारों की सूची तैयार की जाए।
7️⃣ छोटे और लघु समाचार पत्रों को सरकारी विज्ञापन और अनुदान की सुविधा दी जाए।
“पत्रकार सत्याग्रह” की चेतावनी
ज्ञापन में चेतावनी दी गई कि यदि सरकार ने जल्द ठोस निर्णय नहीं लिया, तो महात्मा गांधी की धरती चंपारण से “पत्रकार सत्याग्रह” शुरू किया जाएगा।
इसकी पूरी जिम्मेदारी राज्य और केंद्र सरकार की होगी।
कार्यक्रम में अखिल भारतीय पत्रकार सुरक्षा समिति के प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह, जिला अध्यक्ष मधुकर मिश्रा, प्रदेश से आए मनोज सिन्हा, वीरेश कुमार सिंह, प्रेमचंद पांडेय, विनय कुमार, निरंकार भास्कर, रज़ी अहमद, राजकुमार पासवान, संजय कुमार पांडेय, जितेंद्र बिट्टू, रवि रंजन पांडेय, मनीष कुमार, प्रदीप दुबे, नंदकिशोर पांडेय, वकीलुर्रहमान खान, अभिषेक द्विवेदी, नरेंद्र तिवारी, विकास कुमार, धर्मेंद्र श्रॉफ, आशीष पांडेय, विजय शर्मा, सुभाष कुमार, धनंजय भारती सहित प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया के अनेक पत्रकार उपस्थित रहे।
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