सावन के सुरों में डूबा तिरंगा काव्य मंच का 61वां ऑनलाइन कवि सम्मेलन
कोलकाता: संवाददाता प्रेरणा बुड़ाकोटी: तिरंगा काव्य मंच कोलकाता का 61वां अखिल भारतीय कवि सम्मेलन और मुशायरा 30 व 31 जुलाई 2025 को सफलतापूर्वक ऑनलाइन संपन्न हुआ। इस साहित्यिक समारोह की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार और संपादक डॉ. कुंवर वीर सिंह मार्तण्ड (कोलकाता) तथा प्रसिद्ध शायर श्री विनय सागर जायसवाल (बरेली) ने संयुक्त रूप से की।
हर बार की तरह इस बार भी सम्मेलन के लिए प्रेरक विषय ‘सावन’ निर्धारित किया गया, जिसका सुझाव स्वयं अध्यक्ष डॉ. मार्तण्ड ने दिया। कार्यक्रम का शुभारंभ सरस्वती वंदना और प्रभु स्तुति से हुआ, जिसे दिल्ली से चंचल हरेंद्र वशिष्ठ ने प्रस्तुत किया। कवि सम्मेलन का संचालन महेन्द्र सिंह प्रखर ने किया, जबकि मुशायरे की निजामत का दायित्व सुश्री रीमा पांडेय ने बखूबी निभाया।
दो दिवसीय इस आयोजन में कवियों और शायरों ने ‘सावन’ को केंद्र में रखकर गीत, कविता, ग़ज़ल और छंद के माध्यम से भावनाओं की सुंदर प्रस्तुति दी। मुशायरे में श्री विनय सागर जायसवाल द्वारा दिए गए मिसरे "दिल हुआ बेकरार सावन में" पर आधारित ग़ज़लों ने श्रोताओं को विशेष रूप से प्रभावित किया।
सम्मेलन में शामिल सभी रचनाकारों ने एक-दूसरे की रचनाओं को पूरे मनोयोग से सुना और उत्साहवर्धन किया। कार्यक्रम के अंत तक सभी साहित्यकारों की सहभागिता बनी रही, जिससे आयोजन अत्यंत जीवंत और ऊर्जावान रहा।
समापन सत्र में अध्यक्ष द्वय ने प्रेरक विचार व्यक्त करते हुए सभी कवियों व शायरों की सराहना की। अंत में मंच के संयोजक गजेन्द्र नाहटा ने सभी प्रतिभागियों को धन्यवाद और शुभकामनाएं देते हुए कार्यक्रम के सफल संचालन के लिए सभी को बधाई दी।
कार्यक्रम में भाग लेने वाले प्रमुख कवि व शायर:
चंचल हरेंद्र वशिष्ट, महेंद्र सिंह प्रखर, डॉ. सुभाष चन्द्र शुक्ल, डॉ. उषा अग्रवाल जलकिरण, विनीता निर्झर, कालजयी घनश्याम, गजेन्द्र नाहटा, सुषमा राय पटेल, अमिता गुप्ता, गिरीश पाण्डेय ‘काशिकेय’, रणजीत भारती, राम पुकार सिंह "पुकार गाज़ीपुरी", डॉ. गुलाब चंद पटेल, डॉ. ममता सिंह, बसंत ठाकुर, राम शिरोमणि उपाध्याय पथिक जौनपुरी, भुवनेश्वर प्रसाद गोपाल, ज्ञानुदास मानिकपुरी, डॉ. कामिनी व्यास रावल, डी.पी. लहरे 'मौज', रीमा पांडेय, डॉ. कुंवर वीर सिंह मार्तण्ड और श्री विनय सागर जायसवाल।
यह आयोजन साहित्य के प्रति समर्पण और सावन की रचनात्मक छटा का सुंदर उदाहरण रहा।