सहकारिता को सशक्त बनाने जांजगीर में आयोजित हुई विशेष कार्यशाला!
✍️प्रेरणा बुडाकोटी
जांजगीर-चांपा: अंतर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के तहत सहकारी जागरूकता और क्षमता संवर्धन की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में सहकार भवन नोडल कार्यालय, जांजगीर में एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में जिले की समस्त प्राथमिक सहकारी समितियों के प्रबंधक, ऑपरेटर और सहकारिता व बैंकिंग विभाग से जुड़े अधिकारी बड़ी संख्या में शामिल हुए।
कार्यक्रम में सहायक पंजीयक सहकारिता श्री कामेश कश्यप, एनसीडीसी रायपुर के सहायक निदेशक श्री सुभाष वर्मा, नाबार्ड जांजगीर के डीडीएम श्री अंकित पाल, नोडल अधिकारी श्री अमित साहू एवं नोडल सहायक जीपी तिवारी बतौर अतिथि उपस्थित रहे। कार्यक्रम की शुरुआत श्री अमित साहू द्वारा पुष्पगुच्छ भेंट कर अतिथियों के सम्मान से की गई।
सहकारिता क्षेत्र के सशक्तिकरण पर बल देते हुए श्री साहू ने कहा कि समन्वित प्रयासों के माध्यम से सहकारी संस्थाएं ग्रामीण विकास का आधार बन सकती हैं। इसके बाद श्री सुभाष वर्मा ने एनसीडीसी द्वारा संचालित योजनाओं की जानकारी देते हुए बताया कि ये योजनाएं किसानों, एफपीओ, PACS और अन्य सहकारी संस्थाओं को आर्थिक रूप से सक्षम बनाती हैं।
श्री अंकित पाल ने नाबार्ड की योजनाओं—जैसे ग्रामीण वित्तीय समावेशन, महिला स्वयं सहायता समूह, कृषि अवसंरचना, मत्स्य पालन एवं डेयरी से जुड़ी ऋण सहायता की जानकारी साझा की। उन्होंने PACS के माध्यम से योजनाओं को गांव-गांव तक पहुंचाने की जरूरत पर भी जोर दिया।
श्री कश्यप ने सहकारी समितियों की पारदर्शिता, लेखा परीक्षण और मजबूत प्रबंधन को सहकारिता आंदोलन की रीढ़ बताया। उन्होंने समितियों की कार्य प्रणाली और योजनाओं के क्रियान्वयन से संबंधित तकनीकी पहलुओं को विस्तार से समझाया।
अंतिम सत्र में जीपी तिवारी ने सहकारी समितियों के बायलॉज पर प्रेजेंटेशन दिया, जिसमें समितियों के गठन, उद्देश्य, कर्तव्यों, अधिकारों और संचालन की विधियों पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने साइबर क्राइम और बैंकिंग फ्रॉड से बचाव के उपाय भी बताए और डिजिटल सुरक्षा के लिए आवश्यक सतर्कता बरतने पर जोर दिया।
कार्यक्रम का संचालन और आभार प्रदर्शन श्री तिवारी ने किया। उन्होंने प्रतिभागियों को धन्यवाद देते हुए भविष्य में इस तरह की और कार्यशालाओं के आयोजन का आश्वासन भी दिया। यह कार्यशाला सहकारी योजनाओं, बायलॉज और साइबर सुरक्षा की जानकारी से समृद्ध रही और जिले की सहकारी समितियों को तकनीकी रूप से और अधिक सशक्त बनाने में सहायक सिद्ध होगी।