फाइलेरिया और कालाजार उन्मूलन में मुखिया और पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका महत्वपूर्ण!
• ग्राम सभा में फाइलेरिया और कालाजार उन्मूलन पर हुई चर्चा
• कालाजार से बचाव के लिए छिड़काव कार्य में सहयोग करेंगे मुखिया
• सिधवलिया प्रखंड के जलालपुर पंचायत में ग्राम सभा का हुआ आयोजन
• पिरामल फाउंडेशन के सहयोग से आयोजित हुआ ग्राम-सभा
गोपालगंज (बिहार): जिले में कालाजार और फाइलेरिया उन्मूलन को लेकर स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। इसको लेकर विभिन्न माध्यमों से प्रयास किया जा रहा है। फाइलेरिया और कालाजार उन्मूलन में मुखिया और पंचायत प्रतिनिधियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। इसी उद्देश्य के साथ जिले के सिधवलिया प्रखंड के जलालपुर पंचायत के पंचायत भवन में मुखिया गुड्डू सिंह की अध्यक्षता में ग्राम सभा का आयोजन किया गया। जिसमें फाइलेरिया और कालाजार उन्मूलन को लेकर विशेष चर्चा की गयी। जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुषमा शरण के द्वारा फाइलेरिया और कालाजार पर जानकारी दी गयी। इस अवसर पर जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. सुषमा शरण ने फाइलेरिया और कालाजार से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारियाँ साझा कीं। उन्होंने बताया कि जलालपुर पंचायत कालाजार प्रभावित क्षेत्र है और यहां के कई हिस्सों में अब भी मरीज सामने आ रहे हैं। ऐसे में पंचायत स्तर पर जनप्रतिनिधियों का सहयोग अत्यंत आवश्यक है। ग्राम सभा का आयोजन पिरामल फाउंडेशन के सहयोग से किया गया। इस दौरान जीपीपीएफटी का गठन भी किया गया। इस मौके पर मुखिया गुड्डू सिंह, डीवीबीडीसीओ डॉ. सुषमा शरण, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, जिला वेक्टर रोग सलाहकार अमित कुमार, वीडीसीओ राजेश कुमार, वीडीसीओ बीपीन कुमार, पिरामल के जिला प्रतिनिधि विंध्यावासिनी राय, मिथिलेश कुमार समेत अन्य मौजूद थे।
छिड़काव अभियान में सहयोग आवश्यक:
डॉ. सुषमा शरण ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति को 15 दिन से अधिक समय तक लगातार बुखार हो रहा है, तो उसे तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच के लिए भेजा जाए। इससे समय रहते कालाजार की पहचान और इलाज संभव हो सकेगा। उन्होंने आगामी 21 जुलाई से शुरू होने वाले छिड़काव अभियान की जानकारी देते हुए कहा कि इस अभियान को सफल बनाने के लिए पंचायत प्रतिनिधियों, वार्ड सदस्यों और आम लोगों का सहयोग आवश्यक है।छिड़काव अभियान में सहयोग आवश्यक है। इसके प्रति पंचायत के लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है।
पीकेडीएल मरीजों की पहचान पर भी दिया गया जोर
सभा में मौजूद जिला वेक्टर रोग सलाहकार अमित कुमार ने कालाजार के साथ-साथ पीकेडीएल (पोस्ट कालाजार डर्मल लीशमेनियासिस) मरीजों की पहचान की भी अपील की। उन्होंने कहा कि ऐसे मरीज जो पहले कालाजार से ग्रसित हो चुके हैं और जिनकी त्वचा पर चकत्ते जैसे लक्षण हैं, उनकी पहचान कर स्वास्थ्य विभाग को सूचित करना बेहद जरूरी है।
जन भागीदारी बनी सफलता की कुंजी
ग्राम सभा में सभी वार्ड सदस्य, विकास मित्र, शिक्षक, जीविका दीदी, आंगनबाड़ी सेविकाएं, आशा कार्यकर्ता एवं सैकड़ों ग्रामीण उपस्थित थे। सभी ने फाइलेरिया और कालाजार जैसी बीमारियों से अपने पंचायत को मुक्त करने के लिए समर्पण भाव से कार्य करने का संकल्प लिया। जलालपुर पंचायत में आयोजित यह ग्राम सभा एक प्रभावशाली उदाहरण है कि कैसे स्थानीय जनप्रतिनिधियों और विभागीय समन्वय से गंभीर बीमारियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला किया जा सकता है। यह प्रयास अन्य पंचायतों के लिए भी एक मॉडल बन सकता है। स्वास्थ्य विभाग और समुदाय के बीच ऐसी सहभागिता ही अंततः फाइलेरिया और कालाजार मुक्त बिहार के लक्ष्य को साकार करेगी।