प्राकृतिक खेती के प्रति जागरूक हुए किसान, कृषि विज्ञान केंद्र माँझी ने तीन पंचायतों में चलाया विशेष अभियान!
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सारण (बिहार) संवाददाता वीरेश सिंह: विकसित कृषि संकल्प अभियान के तहत शनिवार को कृषि विज्ञान केंद्र, माँझी द्वारा सारण जिले के माँझी प्रखंड के चेफूल, मुबारकपुर और मटियार पंचायतों में प्राकृतिक एवं जैविक खेती के प्रति किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की अगुवाई कर रहे उद्यान विज्ञान विशेषज्ञ एवं अभियान के नोडल अधिकारी डॉ. जितेन्द्र चन्द्र चंदोला ने प्राकृतिक खेती की उपयोगिता और वैज्ञानिक पद्धतियों से खेती करने के फायदों पर विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में रासायनिक उर्वरकों और कीटनाशकों के अत्यधिक प्रयोग से भूमि की उर्वरा शक्ति घट रही है और खेती की लागत बढ़ रही है। ऐसे में प्राकृतिक संसाधनों का उपयोग करते हुए खेती को लाभकारी बनाना जरूरी हो गया है।
डॉ. चंदोला ने किसानों को बताया कि कैसे सूक्ष्मजीवों और केंचुओं की मदद से मिट्टी की गुणवत्ता सुधारी जा सकती है। उन्होंने जीवामृत, घनजीवामृत, बीजामृत, नीमास्त्र और वर्मी कम्पोस्ट तैयार करने की विधियां और उनके प्रयोग की जानकारी भी दी। साथ ही शून्य जुताई से धान की बुवाई, पॉलीहाउस में सब्जी उत्पादन, फलदार पौधों के नए बाग लगाने की वैज्ञानिक विधि, पोषण वाटिका और ड्रोन तकनीक के खेती में उपयोग जैसे विषयों पर भी किसानों को प्रशिक्षित किया गया।
मृदा विशेषज्ञ डॉ. विजय कुमार ने मृदा स्वास्थ्य कार्ड, मिट्टी जांच और हरी खाद के महत्व को रेखांकित किया। बीटीएम माँझी, सुश्री प्रतिभा कुमारी ने बिहार सरकार द्वारा चलाई जा रही कृषि योजनाओं के बारे में जानकारी दी। इफको के प्रतिनिधि संदीप कुमार ने नैनो यूरिया और डीएपी के उपयोग पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में सैकड़ों की संख्या में किसान पुरुष और महिलाएं शामिल हुए। आत्मा माँझी से एटीएम हितेश सिंह, ओमप्रकाश गुप्ता, किसान सलाहकार गजेन्द्र सिंह, संजीव कुमार दुबे, सरोज प्रसाद और कृषि विज्ञान केंद्र माँझी के श्री राकेश कुमार ने आयोजन को सफल बनाने में अहम भूमिका निभाई। कार्यक्रम ने किसानों को प्राकृतिक खेती की ओर कदम बढ़ाने की प्रेरणा दी।