संविधान हत्या दिवस पर बिहार में लोकतंत्र की रक्षा का संकल्प — आपातकाल को बताया गया ‘काला अध्याय’
पटना, 25 जून 2025
बिहार सरकार के कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर से आज राजधानी पटना स्थित अधिवेशन भवन में आयोजित कार्यक्रम में ‘संविधान हत्या दिवस’ के रूप में 25 जून 1975 को लगे आपातकाल की 50वीं बरसी को याद किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी और विजय कुमार सिन्हा ने की। दोनों नेताओं ने आपातकाल को भारतीय लोकतंत्र पर सबसे बड़ा हमला बताया और युवाओं से संविधान व लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए सजग रहने का आह्वान किया।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन और आपातकाल पर आधारित सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय द्वारा निर्मित एक टेलीफिल्म के प्रदर्शन से हुई, जिसमें उस दौर की दमनात्मक परिस्थितियों और नागरिक अधिकारों के हनन को दिखाया गया।
विजय कुमार सिन्हा बोले — एक परिवार ने सत्ता बचाने के लिए रौंदा संविधान
उपमुख्यमंत्री विजय कुमार सिन्हा ने आपातकाल को देश के लोकतांत्रिक इतिहास का सबसे काला दिन बताया। उन्होंने कहा कि 25 जून 1975 को सिर्फ अधिकारों पर ही हमला नहीं हुआ, बल्कि लोकतंत्र की आत्मा को कुचल दिया गया। उन्होंने कहा, "एक परिवार ने सत्ता के मोह में संविधान और अनुच्छेद 21 तक को निलंबित कर दिया, लाखों लोगों को जेल में ठूंस दिया गया, प्रेस पर सेंसरशिप लगा दी गई।"
उन्होंने जेपी आंदोलन और युवाओं की भागीदारी को याद करते हुए कहा कि उस आंदोलन ने भारत में लोकतंत्र की पुनर्स्थापना की आधारशिला रखी। उन्होंने यह भी कहा कि नीतीश कुमार जैसे नेता उस कठिन दौर में जेल में रहकर लोकतंत्र की लड़ाई लड़ते रहे और आज बिहार में सुशासन की मिसाल कायम की है।
सम्राट चौधरी बोले — आपातकाल संविधान की निर्मम हत्या थी
दूसरे उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने आपातकाल को संविधान की निर्मम हत्या करार देते हुए कहा कि "जिस संविधान को बाबा साहेब भीमराव आंबेडकर ने रचा था, उसकी आत्मा को 25 जून 1975 को कुचल दिया गया।" उन्होंने कहा कि बिहार की धरती हमेशा लोकतांत्रिक आंदोलनों की जन्मस्थली रही है और संपूर्ण क्रांति की चिंगारी भी यहीं से फूटी थी।
उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नीतियों को भारत के लोकतंत्र के पुनरुत्थान का आधार बताते हुए कहा कि आज भारत एक सशक्त, आत्मनिर्भर और गौरवशाली राष्ट्र के रूप में उभर रहा है। उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे लोकतंत्र की रक्षा को प्राथमिक दायित्व समझें।
बिहार की भूमिका और आज का संदर्भ
दोनों उपमुख्यमंत्रियों ने कहा कि बिहार ने हमेशा राष्ट्र को दिशा दी है — चाहे वह भगवान राम की कथा हो या फिर जेपी आंदोलन। आज की चुनौतियों का सामना भी लोकतांत्रिक चेतना और युवाओं की भागीदारी से ही किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र को फिर कभी कमजोर नहीं होने दिया जाएगा।
कार्यक्रम के अंत में सांस्कृतिक कार्य निदेशालय की निदेशक रूबी ने सभी अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन किया। कार्यक्रम में कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के सचिव प्रणव कुमार, उप सचिव अनिल कुमार सिन्हा, अनेक अधिकारी, छात्र-छात्राएं तथा आमजन बड़ी संख्या में मौजूद रहे।