स्वास्थ्य विभाग ने मच्छर जनित बीमारियों से बचाव को लेकर जिलेवासियों से किया अपील!
मच्छर जनित रोगों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा उचित प्रबंधन एवं उपचार को लेकर कृत संकल्पित: सिविल सर्जन
मुख्य रूप से छः प्रकार की बीमारियों से बचाव करना बेहद जरूरी: डॉ ओपी लाल
/// जगत दर्शन न्यूज
सिवान, 23 जून 2025
बरसात के मौसम में मच्छर जनित रोगों से निपटने के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा उचित प्रबंधन और उपचार को लेकर विशेष रूप से ध्यान दिया जा रहा है। ताकि समय रहते उसका जांच और इलाज़ किया जा सके। हालांकि मानसून के दौरान डेंगू, चिकनगुनिया एवं मलेरिया जैसे रोगों की ससमय पहचान एवं संपूर्ण उपचार सुनिश्चित करने के लिए स्वास्थ्य विभाग प्रतिबद्ध है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि अप्रैल के अंतिम सप्ताह में मनाए जाने वाले मलेरिया दिवस के दौरान से ही स्वास्थ्य विभाग मलेरिया संक्रमण के खिलाफ जागरूकता मुहिम शुरू कर चुकी है। इस जागरूकता मुहिम को और विशेष रूप से बल देने के लिए जून माह को एंटी मलेरिया माह के रूप में मनाया जा रहा है। इस दौरान पूरे जिले में विभिन्न प्रकार की गतिविधियां आयोजित की जा रही है। वहीं उच्च जोखिम वाले क्षेत्रों में सक्रिय मामले का पता लगाना तथा मलेरिया रोकथाम की गतिविधियों पर विशेष बल दिया जा रहा है। मलेरिया विरोधी माह की गतिविधियों में शिक्षा विभाग के अधिकारियों, स्थानीय जनप्रतिनिधियों, मीडिया कर्मियों तथा अन्य सहयोगी संस्थाओं के साथ मिलकर जागरूकता कार्यशाला आयोजित करने की योजना पर कार्य किया जा रहा है। मच्छर जनित बीमारियों से बचाव को लेकर जिलेवासियों से अपील किया जा रहा है कि अपने अपने घरों के कूलर, गमला और टायर सहित कई स्थलों में पानी को जमा नहीं करना है, वहीं सोते समय मच्छरदानी या नेट का प्रयोग करने के अलावा फुल आस्तीन के कपड़े पहनना बेहद जरूरी होता है। जबकि अपने घर के आस- पास साफ- सफाई और मच्छर भगाने वाली क्रीम या कॉयल का उपयोग करना आवश्यक है। इसके अलावा समय- समय पर फॉगिंग और कीटनाशक का छिड़काव करने की ज़रूरत होती हैं।
मुख्य रूप से छः प्रकार की बीमारियों से बचाव करना बेहद जरूरी: डॉ ओपी लाल
मच्छर जनित बीमारियों से संबंधित जानकारी देते हुए जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ ओम प्रकाश लाल ने बताया कि मच्छर कई अन्य प्रकार की गंभीर बीमारियों के वाहक होते हैं जो मानव स्वास्थ्य के लिए घातक साबित हो सकती हैं। जिनमें मुख्य रूप से प्रमुख मच्छर जनित बीमारियों में मलेरिया, डेंगू, चिकनगुनिया, फाइलेरियासिस, कालाजार और जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस सहित कई अन्य प्रकार की बीमारी शामिल है। जिसमें मुख्य रूप से मलेरिया नामक बीमारी मादा एनोफिलीज़ मच्छर के काटने से होती है। जिसमें बुखार, ठंड लगना, पसीना आना, सिरदर्द, कमजोरी लक्षण आने से नजदीकी स्वास्थ्य संस्थानों में जाकर जांच कराना चाहिए। ताकि समय से उसका उपचार किया जा सके। डेंगू बीमारी एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से होता है। जिसमें तेज बुखार, सिरदर्द, जोड़ों में दर्द, त्वचा पर चकत्ते, प्लेटलेट्स की कमी मुख्य कारण होते हैं। चिकनगुनिया जैसी बीमारी एडीज मच्छर के काटने से जोड़ों का तीव्र दर्द, बुखार, कमजोरी होने लगती है। फाइलेरिया जिसको हमलोग हाथीपांव और हाइड्रोसिल नाम से भी जानते है। यह बीमारी क्यूलेक्स नामक मच्छर के काटने से फैलता है। जिसमें शरीर के अंगों में सूजन (हाथ/पैर में हाथीपांव) और बुखार होने वाली बीमारी है कालाजार, जिसे विसेरल लीशमैनियासिस भी कहा जाता है, यह बीमारी बालू मक्खी के काटने से फैलती है, हालांकि बालू मक्खी एक छोटा कीट होता है, जो मच्छर से लगभग एक चौथाई छोटा होता है। जिसे हमलोग "सैंडफ्लाई" भी कहते है। लेकिन यह बीमारी संक्रमित मादा बालू मक्खी के काटने से फैलती है। जापानी इंसेफेलाइटिस वायरस एक वायरल इंसेफेलाइटिस का एक महत्वपूर्ण कारण है। क्योंकि यह मच्छर जनित फ्लेविवायरस है।