कालाजार उन्मूलन अभियान-
एनवीबीडीसीपी द्वारा कालाजार उन्मूलन लक्ष्य को पूरा करने के लिए प्रचार वाहन को हरि झंडी दिखाकर किया गया रवाना
घर- घर कालाजार रोगी खोज अभियान में आशा कार्यकर्ताओं सहित अन्य स्वास्थ्य कर्मियों को दिया गया आवश्यक दिशा- निर्देश: सिविल सर्जन
कालाजार के लक्षण पाए जाने पर सदर अस्पताल रेफर किया जाना चाहिए: डॉ ओपी लाल
सिवान (बिहार): ज़िले में कालाजार उन्मूलन कार्यक्रम के तहत कालाजार के संभावित मरीजों की पहचान के लिए विशेष अभियान की शुरूआत की जा रही है। आज से शुरू हुए अभियान में 15 दिनों तक जिले में आशा कार्यकर्ताओं द्वारा घर- घर जाकर कालाजार के मरीजों की पहचान की जानी है। उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने सदर अस्पताल परिसर में प्रचार वाहन को हरि झंडी दिखाकर रवाना करने के दौरान कही। उन्होंने यह भी कहा कि राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम (एनवीबीडीसीपी) भारत सरकार द्वारा कालाजार उन्मूलन लक्ष्य को आगे भी उसी स्तर पर बनाये रखने को लेकर कालाजार पीकेडीएल/एचआईवी- वी एल के छुपे हुए रोगियों की घर- घर खोज कर ससमय उसका जांच एवं उपचार सुनिश्चित करने के लिए मिले दिशा निदेश के आलोक में कालाजार प्रभावित राजस्व गांवों में घर- घर कालाजार पीकेडीएल/एचआईवी- वी एल के संभावित मरीजों की खोज आशा कार्यकर्ताओं के द्वारा एक जून से 15 जून तक कराया जा रहा है। कालाजार खोज अभियान के दौरान मरीजों की खोज करने वाली आशा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहन राशि देने का प्रावधान किया गया है।
इस संबंध में जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी (डीवीबीडीसीओ) डॉ ओम प्रकाश लाल ने बताया कि दरौली एवं हसनपुरा प्रखंड को छोडकर शेष सभी प्रखंडों में कालाजार रोगी खोज अभियान के दौरान 15 दिनों से अधिक बुखार से पीड़ित व्यक्ति जिन्होंने बुखार के दौरान मलेरिया की दवा अथवा एन्टीबायोटिक दवा का सेवन किया हो एवं उसके बाद भी बुखार ठीक नहीं हुआ हो, भूख की कमी एवं उदर यानि पेट का बड़ा होना (तिल्ली का बड़ा होना) जैसे लक्षण हो, तो उन्ही व्यक्तियों की जांच RK-39 किट द्वारा करने के लिए आशा कार्यकर्ता अपने संबंधित स्वास्थ्य केन्द्र को रेफर करने के लिए आवश्यक दिशा- निर्देश दिया गया है। यदि किसी व्यक्ति ने कालाजार का ईलाज पूर्व में कराया हो, फिर भी उनमें बुखार के साथ कालाजार के लक्षण पाए जाए तो उन्हें RK-39 किट से जांच नहीं करते हुए बॉन मैरो/ स्प्लीन स्प्रिशन जांच के लिए आशा द्वारा उन मरीजों को सदर अस्पताल रेफर किया जाना चाहिए। आशा के कार्यों का पर्यवेक्षण आशा फेसिलेटर द्वारा किया जाना हैं।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण सलाहकार (डीवीबीडीसी) नीरज कुमार सिंह ने बताया कि वीएल/पीकेडीएल/एचआईवी- वीएल रोगियों की खोज वर्ष 2022, 2023, 2024 एवं अप्रैल 2025 तक में प्रतिवेदित कालाजार मरीजों के घर के चारों दिशाओं में अवस्थित 50- 50 घरों (अधिकतम 200 से 250 घरों) में घर- घर कालाजार पीकेडीएल/एचआई वी- वीएल किया जाना हैं। वैसे व्यक्ति जिन्हें बुखार नहीं हो लेकिन उनके शरीर के चमड़े पर चकता अथवा दाग हो, लेकिन उसमें सूनापन नहीं हो तथा वह पूर्व में कालाजार से पीड़ित रहे हो, वैसे व्यक्तियों को भी RK-39 किट से जांच कराने के लिए प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र को रेफर किया जाना हैं। घर- घर रोगी खोज का पर्यवेक्षण प्रखंड स्तर से चिकित्सा पदाधिकारी, बी सी एम, वी बी डी एस, बी एच आई, बी एच डब्ल्यू और पीरामल स्वास्थ्य के पीओसीडी के द्वारा किया जा रहा है। इस दौरान सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद, डीवीबीडीसीओ डॉ ओपी लाल, डीवीबीडीसी नीरज कुमार सिंह, वीडीसीओ विकास कुमार और कुंदन कुमार, सिफार के डीपीसी धर्मेंद्र रस्तोगी सहित कई अन्य अधिकारी और कर्मी मौजूद रहे।