जिले में हाथीपांव के चिन्हित मरीजों को मिलेगा एमएमडीपी कीट, राज्य में 1,58,644 मरीज चिन्हित!
• साल में एक बार मुफ्त में दिया जाता है एमएमडीपी कीट
• एमएमडीपी कीट हाथीपांव के मरीजों के दर्द को कम करने में सार्थक
• मरीजों को दी जाती है सेल्फ केयर की जानकारी
///जगत दर्शन न्यूज
राज्य के सभी 38 जिले फाइलेरिया प्रभावित घोषित हैं, जहां वर्तमान में 1,58,644 हाथीपांव मरीज चिन्हित किए गए हैं। स्वास्थ्य विभाग का लक्ष्य है कि इन सभी मरीजों को साल में एक बार एमएमडीपी किट निःशुल्क मुहैया कराई जाए, जिससे वे अपने प्रभावित अंगों की नियमित देखभाल कर सकें और जीवन की गुणवत्ता बेहतर हो सके।
क्या होती है एमएमडीपी किट?
एमएमडीपी किट में फाइलेरिया मरीजों के लिए जरूरी सामग्री दी जाती है, जिससे वे अपने सूजनग्रस्त अंगों की सफाई, देखभाल और संक्रमण से बचाव कर सकें। इसमें साबुन, एंटीसेप्टिक, साफ तौलिया, दस्ताने, बैंडेज, फुटवेयर आदि शामिल होते हैं। डॉ. श्यामा राय ने स्पष्ट किया है कि जिन जिलों में फिलहाल किट उपलब्ध नहीं है, वहां के अधिकारियों को पीपल्स लेप्रा फाउंडेशन से तत्काल खरीद सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है। साथ ही निर्देश दिया गया है कि सभी लाइन लिस्टेड फाइलेरिया मरीजों को एमएमडीपी किट ससमय दी जाए। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और आयुष्मान आरोग्य मंदिरों के जरिए किट वितरण सुनिश्चित किया जाए। प्रत्येक जिले में इस अभियान की सतत निगरानी की जाए और रिपोर्ट राज्य स्तर पर साझा की जाए।
दो वर्षों से हो रहा वितरण
वर्ष 2023-24 में राज्य स्वास्थ्य समिति बिहार के आदेश के बाद राज्य में कार्यरत लेप्रा सोसाइटी की उपशाखा पीपल्स लेप्रा फाउंडेशन को किट आपूर्ति का जिम्मा सौंपा गया। पिछले दो वर्षों से सभी जिलों को यहीं से किट की खरीद कर वितरण किया जा रहा है। राज्य स्तर की टीम क्षेत्र में निरंतर भ्रमण और औचक निरीक्षण करेगी ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि सभी मरीजों को किट ससमय प्राप्त हुई है या नहीं। इसकी रिपोर्ट राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी (फाइलेरिया) और कार्यपालक निदेशक, राज्य स्वास्थ्य समिति, बिहार को भेजी जाएगी।
सभी चिन्हित अन्य मरीजों को भी शीघ्र ही एमएमडीपी किट प्रदान की जाएगी!
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. दिलीप कुमार सिंह ने बताया कि जिले में कीट का वितरण शुरू कर दिया गया है। सारण जिले के सभी चिन्हित अन्य मरीजों को भी शीघ्र ही एमएमडीपी किट प्रदान की जाएगी। यह प्रयास हाथीपांव के लक्षणों को बढ़ने से रोकने और मरीजों को सामान्य जीवन देने की दिशा में मील का पत्थर साबित हो सकता है। फाइलेरिया से जुड़ी इस पहल के जरिए बिहार स्वास्थ्य विभाग एक बार फिर गंभीर बीमारियों के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धता को सिद्ध कर रहा है। एमएमडीपी किट का यह वितरण अभियान न केवल मरीजों को राहत देगा, बल्कि फाइलेरिया उन्मूलन के राष्ट्रीय लक्ष्य की दिशा में भी एक ठोस कदम है।