माँझी में विकसित कृषि अभियान की शुरुआत, वैज्ञानिकों की टीम दे रही किसानों को नई तकनीकों की जानकारी!
सारण (बिहार) संवाददाता संजय पांडेय: कृषि विज्ञान केन्द्र माँझी के तत्वाधान में विकसित कृषि अभियान के तहत गुरुवार को प्रखंड के तीन अलग- अलग जगहों पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें प्रखंड मुख्यालय के ई किसान भवन, नरपलिया एवं गुरदाहा खुर्द में संचालित किया गया।
कार्यक्रम के संबंध में जानकारी देते हुए केवीके के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ.संजय कुमार राय ने बताया कि यह अभियान 29 मई से 12 जून तक पूरे देश की सभी जिलों में चलाया जा रहा है। जिसमें केवीके मांझी द्वारा वैज्ञानिकों के दो टीमों का गठन किया गया है। जिसमें जिला कृषि पदाधिकारी, परियोजना निर्देशक आत्मा, उप परियोजना निर्देशक आत्मा, बी.टी.एम.,ए.टी.एम.,किसान सलाहकार, जिले के अन्य विभागों के पदाधिकारी, इफको के पदाधिकारी एवं कर्मचारी भी सम्मिलित होंगे। प्रत्येक टीम को एक दिन में तीन पंचायतों में कार्यक्रम का आयोजन करना हैं। इसी क्रम में केवीके मांझी के दोनों टीमों द्वारा कुल 90 पंचायतों में जाकर इस कार्यक्रम के माध्यम से किसानों को कृषि के नए तकनीकों के बारे में जानकारी देनी हैं।
डॉ. राय ने कहा कि केवीके मांझी द्वारा किए जाने वाले विभिन्न विषयों के प्रशिक्षण भारत सरकार एवं बिहार सरकार द्वारा चलाए जा रहे योजनाओं,पॉलीहाउस में सब्जियों का उत्पादन,शून्य जुताई विधि से धान की सीधी बुवाई,अरहर की खेती शामिल है। वहीं उद्यान विशेषज्ञ डॉ. जितेन्द्र चन्द्र चंदोला ने वैज्ञानिक विधि से फलों के नए बाग लगाना, उत्तम किस्म के पौधों की उपलब्धता, गड्डे खोदने का उत्तम समय एवं विधि, प्राकृतिक खेती, पोषण वाटिका, ड्रोन का खेती में महत्व, फलों एवं सब्जियों की नर्सरी पर किसानों को जानकारी दी। वहीं पौध संरक्षण विशेषज्ञ डॉ.जीर विनायक,मृदा विशेषज्ञ डॉ विजय कुमार,डी.डी.एम. नाबार्ड सारण अंशु माला, प्रशिक्षु अनुमंडल कृषि पदाधिकारी प्रीतिबाला कृषि उप परियोजना निर्देशक आत्मा सारण शमशेर आलम, प्रखंड कृषि अधिकारी चूल्हन राम एवं प्रशिक्षु प्रखंड कृषि अधिकारी जूही पाण्डेय ने बिहार की कृषि सहित अन्य योजनाओं के बारे में किसानों को विस्तृत में बताया। जिसमें सैकड़ों किसान शामिल थे। आत्मा बी.टी.एम. मांझी प्रतिभा कुमारी, ए.टी.एम. हितेश सिंह, किसान सलाहकार दीपक कुमार शर्मा, राजेश मांझी ,अरुण कुमार सिंह, सुनील कुमार ने कार्यक्रम को सफल बनाने में अपना सहयोग दिया।