डॉ. ऋषिका वर्मा को “सीमा अपराजिता पुरस्कार 2025” से सम्मानित!
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नई दिल्ली/संवाददाता प्रेरणा बुड़ाकोटी: उत्तराखंड के श्रीनगर की रहने वाली डॉ. ऋषिका वर्मा को प्रख्यात साहित्यिक संस्था “गुफ्तगू” द्वारा “सीमा अपराजिता पुरस्कार 2025” से सम्मानित किया गया है। यह सम्मान उन्हें उनकी उल्लेखनीय पुस्तक “भामती प्रस्थान एवं विवरण प्रस्थान का तुलनात्मक अध्ययन” के लिए प्रदान किया गया।
डॉ. ऋषिका वर्तमान में हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय, श्रीनगर (गढ़वाल), उत्तराखंड के दर्शनशास्त्र विभाग में सहायक आचार्य के पद पर कार्यरत हैं और पिछले दो वर्षों से विश्वविद्यालय में अपनी सेवाएं दे रही हैं। मूल रूप से बनारस की निवासी डॉ. ऋषिका वर्मा ने अपनी उच्च शिक्षा, पीएचडी और पीडीएफ बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय से प्राप्त की है। अब तक उनकी पाँच पुस्तकें प्रकाशित हो चुकी हैं और देश-विदेश के कई प्रतिष्ठित सम्मानों से उन्हें नवाजा जा चुका है।
डॉ. ऋषिका के लेख देश की प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में निरंतर प्रकाशित होते रहते हैं। प्रयागराज स्थित गुफ्तगू संस्था हिन्दी साहित्य, पत्रकारिता और क्रीड़ा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान देने वाले व्यक्तित्वों को हर वर्ष सम्मानित करती है। यही संस्था “गुफ्तगू” नामक हिन्दी त्रैमासिक पत्रिका का प्रकाशन भी करती है।
डॉ. ऋषिका को यह पुरस्कार 18 मई 2025 को प्रयागराज में आयोजित एक गरिमामय समारोह में प्रदान किया गया, जो साहित्यिक क्षेत्र में उनके योगदान को एक बड़ी मान्यता के रूप में देखा जा रहा है।