जिले के आंदर प्रखंड अंतर्गत दो गांव जबकि नगर पंचायत के एक वार्ड में मिला रिफ्यूजल, लेकिन एमओआईसी के नेतृत्व में शत प्रतिशत लोगों को खिलाया गया दवा!
सैकड़ो घरों में जाकर तोड़ी गई रिफ्यूजल, खिलाई गई उक्त के हिसाब से दवा: एमओआईसी
एमडीए राउंड में शत प्रतिशत दवा सेवन कराना हम सभी की नैतिक जिम्मेदारी: सिविल सर्जन
सिवान (बिहार): सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम अंतर्गत दवा खाने से इनकार करने वाले घरों में जाकर फाइलेरिया रोधी दवाओं का सेवन कराया गया। इस संबंध में जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) आंदर के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी (एमओआईसी) डॉ दीपक कुमार विश्वकर्मा ने बताया कि स्थानीय नगर पंचायत के वार्ड संख्या - 10 में लगभग 20 घर, जबकि स्थानीय प्रखंड के बरही टोला में लगभग 40 घर वहीं दहाबारी गांव में 34 घरों के लोगों ने राष्ट्रीय फाइलेरिया उन्मूलन अभियान के तहत खिलाई जा रही सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) कार्यक्रम के दौरान स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा गृह भ्रमण कर दवा खिलाया जा रहा है। जिसको उक्त गांव के लोगों ने दवा खाने अब इनकार दिया था। लेकिन जब इसकी सूचना सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद और जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल को दी गई। वरीय अधिकारियों के दिशा निर्देश के आलोक में बीसीएम मधुरेंद्र कुमार, जीएनएम प्रीतम कुमार, पीरामल स्वास्थ्य के रितेश राज, आशा कार्यकर्ता सह भ्रमणशील टीम अनीता देवी, शिवकुमारी, सीमा पाठक, निर्मला कुमारी, रोनित कुमार के साथ उक्त गांव का भ्रमण कर एक- एक घरों के अभिभावक से बातचीत करने के बाद दवा सेवन करने से इनकार करने वालों को फाइलेरिया जैसी बीमारी के संबंध में विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। उसके बाद सभी ने दवा खाकर आगे भविष्य में कभी भी दवा खाने से इनकार नहीं करने को लेकर शपथ ग्रहण लिया गया।
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ ओम प्रकाश लाल ने बताया कि आंदर नगर पंचायत अंतर्गत बरवा मोहल्ला स्थित वॉर्ड संख्या 10 में लगभग 20 घरों के सदस्यों सर्वजन दवा सेवन (एमडीए) की खुराक खाने से इनकार दिया गया था। लेकिन जब इसकी आधिकारिक सूचना सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ दीपक कुमार विश्वकर्मा को मिली तो त्वरित कार्रवाई करते हुए प्रभारी बीएचएम सह बीसीएम मधुरेंद्र कुमार, जीएनएम प्रीतम कुमार और पिरामल स्वास्थ्य के पीओसीडी रितेश राज के द्वारा उक्त गांव भेजकर किसी तरह समझा बुझाकर दवा खिलाया गया। इसी तरह स्थानीय प्रखंड के बरही टोला और असांव गांव में लगभग 40 से अधिक घरों में सामूहिक रूप से दवा खाने से मना किया जा रहा था, लेकिन एमओआईसी ने अपनी टीम के साथ पहुंच कर मना करने की आदत को खत्म करते हुए उसको उपभोग में बदलने का काम किया गया है। वहीं दहाबारी गांव में लगभग 34 घरों में सामूहिक रूप से दवा सेवन करने से मना किया गया था। जहां स्वास्थ्य विभाग और सहयोगी संस्थाओं यथा - पीरामल स्वास्थ्य और आस्था नेता की मदद से लगभग 22 घरों में जाकर नहीं खाने की आदत को उपभोग में बदलने की कवायद की गई है। हालांकि असांव के बरई टोला, जयजोर, अर्कपुर, तियाय और आरार गांव से भी दवा नहीं खाने की जानकारी मिलने पर स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंच कर दवा खिलाई गई है।
सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि सिवान जिला सहित राज्य के 24 जिलों में फाईलेरिया जैसी बीमारी के उन्मूलन को लेकर विगत 10 फरवरी से एमडीए राउंड चलाया जा रहा है। एमडीए के दौरान उम्र के हिसाब से दो तरह की दवाओं का उपयोग 14 दिनों तक स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं द्वारा घर- घर जाकर दवा खिलाई जा रही है, जबकि सदर अस्पताल सहित जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में 17 दिनों का बूथ बनाया गया है। क्योंकि इसके द्वारा अधिक से अधिक दवा सेवन को सुनिश्चित करने में आसानी हो रही है। लेकिन सबसे अहम बात यह है कि किसी भी क्षेत्र से दवा खाने से इनकार किया जा रहा है, तो सबसे पहले उसको दवा खिलाने के लिए स्थानीय स्तर पर पंचायत जनप्रतिनिधि या सामाजिक कार्यकर्ता सहित स्वास्थ्य विभाग और अन्य सहयोगी संस्थाओं के द्वारा जागरूक करते हुए दवा सेवन कराया जाना चाहिए। क्योंकि एमडीए राउंड में सभी सहयोगी संस्थाओं सहित सामाजिक कार्यकर्ता और जनप्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है, कि गांव या समाज में कोई दवा खाने से इनकार कर रहा है तो अविलंब वहां जाकर जागरूक करते हुए दवा सेवन कराना है। जिले में अभी तक 271210 लाभुकों को फाइलेरिया रोधी दवा खिलाया जा चुका है।