गैर- संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम 40 दिवसीय कार्यक्रम आयोजित!
लक्ष्य के अनुसार शत प्रतिशत एनसीडी स्क्रीनिंग कराना सुनिश्चित किया जाए: सिविल सर्जन
एनसीडी में हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर, मधुमेह और पुरानी फेफड़ों की बीमारी को किया गया शामिल: एनसीडीओ
ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को स्वास्थ्य सेवाओ का लाभ दिलाना आयुष्मान आरोग्य मंदिर का मुख्य उद्देश्य: एमओआईसी
सिवान (बिहार): जिले में 20 फरवरी से 31 मार्च 2025 तक सभी स्वास्थ्य संस्थानों पर विशेष अभियान के तहत एनसीडी विशेष स्क्रीनिंग अभियान का शत प्रतिशत सफल संचालन को लेकर जिला कार्यक्रम प्रबंधक (डीपीएम) विशाल कुमार सिंह को नोडल पदाधिकारी बनाया गया है। जबकि जिला गैर संचारी रोग पदाधिकारी (एनसीडीओ) एवं वित्त- सह- लॉजिस्टिक सलाहकार (एफएलसी), जिला सामुदायिक उत्प्रेरक (डीसीएम), जिला योजना समन्वयक (डीपीसी) को प्रतिदिन के निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप संपादित कार्यों का अनुश्रण एवं निरीक्षण की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस संबंध में सिविल सर्जन डॉ श्रीनिवास प्रसाद ने बताया कि प्रखंडवार लक्ष्य की प्राप्ति के लिए जिले के सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) पर कार्यरत सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी (सीएचओ), स्टॉफ नर्स, ए एन एम के अलावा एनसीडी क्लिनिक पर कार्यरत कर्मियों को लक्ष्य उपलब्ध कराते हुए शत प्रतिशत एनसीडी स्क्रीनिंग कराना सुनिश्चित किया गया है। साथ ही प्रतिदिन उक्त कार्यक्रम को सफल क्रियान्वयन को लेकर समीक्षा करते हुए संबंधित गतिविधियों से सूचनाओं का सतत अनुश्रवण एवं मुल्यांकन करना भी सुनिश्चित किया जाना चाहिए, ताकि मार्च 2025 तक लक्ष्य की प्राप्ति किया जा सके।
जिला ग़ैर संचारी रोग पदाधिकारी डॉ अब्दुल शमीम खान ने बताया कि गैर- संचारी रोगों की रोकथाम और नियंत्रण के लिए राष्ट्रीय कार्यक्रम को वर्ष 2010 में मुख्य रूप से गैर- संचारी रोगों की रोकथाम और प्रबंधन के लिए शुरू किया गया था। क्योंकि इसका उद्देश्य प्रारंभिक निदान, प्रबंधन और स्वास्थ्य सुविधाओं को लेकर रेफरल के लिए जागरूकता पैदा करना है। एनसीडी में हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर, मधुमेह और पुरानी फेफड़ों की बीमारी को शामिल किया गया है। क्योंकि पूरे विश्व में होने वाली सभी मौतों में से 74% के लिए केवल गैर संचारी रोग ही जिम्मेदार हैं। हालांकि इसके मुख्य कारण अस्वास्थ्यकर आहार, शारीरिक गतिविधि की कमी और तंबाकू और शराब का सेवन माना जाता है। हालांकि इसके लिए जिले के सभी आयुष्मान आरोग्य मंदिर पर एनसीडी स्क्रीनिंग आयोजित कर लक्ष्य के अनुरूप कार्य करने के लिए संबंधित स्वास्थ्य संस्थानों के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारियों द्वारा अपने स्तर से प्रचार- प्रसार किया जाता है। ताकि अधिक से अधिक लोग एनसीडी स्क्रीनिंग का लाभ उठा सकें। क्योंकि एनसीडी बीमारी 30 वर्ष की आयु पूरी करने वाले व्यक्तियों में होने की संभावना अधिक होती है। ऐसे में इस आयुवर्ग से ऊपर के संभावित पीड़ितों का स्क्रीनिंग कर एनसीडी पोर्टल पर सीएचओ द्वारा अपलोड कराया जाता है।
बसंतपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ कुमार रवि रंजन ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों के निवासियों को नजदीकी क्षेत्र यानि गांव में ही स्वास्थ्य सेवाओ का लाभ दिलाने के उद्देश्य से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर (एचडब्ल्यूसी) सह आयुष्मान आरोग्य मंदिर (आम) की स्थापना की गई है। ताकि सुदूर ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले स्थानीय ग्रामीणों को एनसीडी स्क्रीनिंग कराने सहित कई अन्य गंभीर बीमारियों के प्रति जागरूक रहने एवं बचाव से संबंधित जागरूक किया जाए। केंद्र सरकार एवं राज्य स्वास्थ्य समिति के दिशा निर्देश के आलोक में जिले के सभी स्वास्थ्य संस्थानों में 20 फरवरी से 31 मार्च 2025 तक (कुल 40 दिनों तक) जिलांतर्गत सभी स्वास्थ्य संस्थानों में उच्च रक्तचाप (बीपी), मधुमेह (शुगर), ओरल कैंसर, ब्रैस्ट कैंसर और सर्वाइकल कैंसर के लिए 30 वर्षों से अधिक आयु की आबादी के लिए जनसंख्या आधारित स्क्रीनिंग बढ़ाने, विशेष जांच अभियान के आयोजन करने का निर्देश दिया गया गया है।