उर्दू भाषी प्रोत्साहन वाद-विवाद प्रतियोगिता में छात्रों ने दिखाया हुनर!
घरों में ईस्तेमाल करने से ही उर्दू का प्रसार सम्भव: जावेद
सारण (बिहार): ऊर्दू वह भाषा है जेहन को गेजा पहुंचाने की क्षमता रखती है। यह न सिर्फ मनोरंजन का साधन है बल्कि इल्म व हुनर का श्रोत भी है। इसमें नजाकत, बलागत और फसाहत के साथ एक हुस्न भी है। इसके प्रयोग से मन मस्तिष्क में जहाँ जोश भरा जा सकता है वहीं शदीद गुस्से और नफरत को शांत किया जा सकता है। उक्त बातें उक्त बातें उप निर्वाचन पदाधिकारी जावेद एकबाल ने उर्दू भाषी छात्र प्रोत्साहन योजना के तहत आयोजित वाद-विवाद प्रतियोगिता में मुख्य अतिथि के तौर पर बोलते हुए कहीं। पूर्व में उन्होंने अन्य अतिथियों के साथ दीप प्रज्वलित कर उद्घाटन किया। कार्यक्रम के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया की सभी तरक्कीयाफ्ता कौमें अपनी मादरी जुबान से बहुत प्यार करती हैं। उसके बदौलत ही वे दुनिया के सबसे विकसित देशों में शामिल हैं। हमें भी अपनी मातृ भाषा से वैसी ही मुहब्बत दिखानी होगी। उन्होंने कहा कि उर्दू का विकास तभी होगा जब हम उसे पढ़ें, बोलें और उसका प्रयोग करें। घरों में उसका इस्तेमाल हो। उर्दू विषय लेकर सिविल सर्विस से लेकर तमाम प्रतियोगी परीक्षा में सफलता पायी जा सकती है। इसके प्रयोग से बातों में खूबसूरती, असर और प्रभाव पैदा होता है। उन्होंने प्रतियोगिता के लिहाज से महत्वपूर्ण बिंदुओं को रेखांकित किया। अतिथियों का स्वागत करते हुए उर्दू भाषा कोषांग की प्रभारी पदाधिकारी सैयदा सरवत जहाँ ने बताया कि मंत्रिमंडल सचिवालय विभाग के उर्दू निदेशालय के द्वारा प्रायोजित यह कार्यक्रम प्रत्येक वर्ष जिला उर्दू भाषा कोषांग आयोजित करता है। इसके अतिरिक्त मुशायरा-सेमिनार और कार्यशाला और उर्दू पत्रिका का प्रकाशन आदि के द्वारा भी उर्दू के विकास का सार्थक प्रयास किया जा रहा है। विशिष्ट अतिथि जदयू जिलाध्यक्ष अल्ताफ आलम राजू ने कहा उर्दू को विशुद्ध रूप से भारतीय भाषा बताते हुए उसे प्यारी और मीठी जुबान कहा। डॉ रज्जबुल कादरी ने कहा कि भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में इसकी भूमिका अविस्मरणीय है। इसका प्रयोग आज भी संसद से लेकर सड़कों तक भाईचारा और एकता स्थापित करने के लिए किया जा रहा है।
प्रतियोगिता में कुल 70 छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। जिनमें से मैट्रिक स्तर में नौशीन को प्रथम, अदीब, आएशा व शाहीन को द्वितीय और सबा, तजील, इंशा व रजिया को तृतीय स्थान पर चयनित किया गया. इंटर स्तर में नुजहत को प्रथम, शाएका, साबिर व मेहर को द्वितीय और तबस्सुम, आकिब, नर्गिस व तौहीद को तृतीय स्थान पर चुना गया. वहीं स्नातक स्तर में होदा को प्रथम, नरगिस, साफिया व साएमा को द्वितीय तथा साजदा, मेराज, शबाना व रौशनी को तृतीय स्थान पर चयनित किया गया। सभी विजेताओं को मोमेंटो और प्रमाणपत्र देकर सम्मानित किया गया। सम्मिलित होने वाले सभी प्रतिभागियों को प्रतिभागिता प्रमाणपत्र प्रदान किया गया। विजेताओं को आरटीजीएस के माध्यम से पुरस्कार राशि प्रदान की जाएगी। निर्णायक की भूमिका पूर्व प्राचार्य प्रो शमीम परवेज, प्रो शकील अनवरऔर डॉ वलीउल्लाह कादरी ने निभाया। संचालन नदीम अहमद ने किया। कार्यक्रम में निसार अहमद, शकीला बानो, जुनैद मीर, इंसाफ अली, सुल्तान इदरीसी, नबी अहमद, शेफारत हुसैन, जहांगीर आलम, सद्दाम हुसैन, हारुन रशीद, जेयाउल हक, फिरोज आलम, सैफुर रहमान, अबुल जैश, शिशुपाल, धीरज, मो मंसूर, इम्तियाज अंसारी आदि उपस्थित थे।