मंतव्य
सिम्मी ग्रेवाल का रतन टाटा से प्यार का आनंद!
ऑटोबायोग्राफी में निजी जीवन की असंख्य बातों का समावेश भी होता है। गांधी जी की आत्मकथा में सेक्स प्रसंगों का जिक्र है। सेक्स सबके जीवन की स्वाभाविक प्रवृत्ति है। एक अभिनेत्री को भी सेक्स का नैसर्गिक अधिकार प्राप्त है। कभी मोनिका लेविंस्की ने अमरीकी राष्ट्रपति के साथ अपने सेक्स संबंध की चर्चा करके दुनिया में भूचाल पैदा कर दिया था। क्लिंटन ने इस तथ्य को नहीं झूठलाया।
सिम्मी ग्रेवाल के आटो बायोग्राफी से उनके रतन टाटा के साथ दैहिक रिश्तों का खुलासा हुआ। रतन टाटा ने ऐसा कोई खुलासा नहीं किया था। अब सिम्मी ग्रेवाल और रतन टाटा के तथाकथित प्यार की कहानी के आसपास ढेर सारी मनगढ़ंत बातों की रोज मीडिया पर चर्चा हो रही है। फिल्म अभिनेत्री वेश्याओं से अलग होती है और कई अर्थों में वह व्यापक सामाजिक चरित्र की प्राणी भी होती है। उसके प्रेम में पड़कर किसी के विवाहित या अविवाहित होने या रहने की बातों का कोई अर्थ नहीं है। अभिनेत्री के जीवन में प्रेम और सेक्स का काफी महत्व होता है और उसे शानदार जिंदगी जीने के लिए पैसों की भी खूब ज़रूरत होती है। उसका आत्मिक दैहिक संसार प्रेम प्यार सेक्स का निरंतर भूखा बना रहता है। ऐसे में ज्यादातर अभिनेत्रियां आत्मकथा लेखन से बचती हैं और अपने बारे में कुछ व्यवस्थित रूप से लिखना उनके लिए कठिन होता है। आम तौर पर अभिनेत्रियां ऐसी ज्यादातर बातों का खुलासा नहीं करती हैं लेकिन उन्हें जो बातें दूसरों को बताने में मज़ा आता है तो वह उन बातों की चर्चा करती हैं।
हाल में कंगना रनौत ऋत्विक रोशन के बारे में ऐसी बातें इंटरव्यू में कर रही थी। सिम्मी ग्रेवाल रतन टाटा के साथ डेटिंग की चर्चा करके खुद को महिमा मंडित करना चाहती थी। सेक्स चर्चा किसी को लज्जित कर सकता है लेकिन महिमा मंडित नहीं यह रतन टाटा ने एक तरह से सबको बताया। स्वच्छंद मन मिजाज के उद्योगपति सुंदरियों का दैहिक उपभोग करते हैं। फिल्म अभिनेत्रियों में उनकी खास रुचि होती है। जूही चावला, प्रीति जिंटा, सोनम कपूर इन सबको उद्योगपतियों ने पत्नी प्रेमिका बनाकर सुखोपभोग किया। सोशल मीडिया को सेक्स संबंधी ऐसी झूठी - सच्ची बातों की चर्चा से दूर रहना चाहिए। सिम्मी ग्रेवाल ने अपनी जीवन संस्कृति के अनुरूप अपने जीवन संसार की बातों का समावेश अपनी आत्मकथा में किया है। यह संभव है कि रतन टाटा के जीवन संसार में प्रेमिका के रूप में कभी उनकी भी उपस्थिति रही हो। रतन टाटा से प्यार का आनंद उन्हें भी मिला हो।
सेक्स चर्चा अब लज्जा का विषय नहीं रहा। कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने कभी संसद को अपने सेक्स जीवन को लेकर वैधानिक प्रक्रिया से जुड़ी बातों से अवगत कराया था। अभिनेत्रियां अपने यौन संबंध को किसी के दैहिक शोषण से जोड़कर नहीं देखती वह उनकी जीवन संस्कृति है। रतन टाटा ने अपने सेक्स जीवन की कोई चर्चा क्यों नहीं की यह मेरी जिज्ञासा का विषय है।