सीधी बुवाई और खरीफ फसल में रोग-कीट का प्रबंधन कैसे करें?
कृषि विज्ञान केंद्र में किसानों को मिला प्रशिक्षण!
सारण (बिहार) संवाददाता हेमंत कुमार शर्मा: कृषि विज्ञान केंद्र मांझी में जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम के तहत एक दिवसीय किसान प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में 40 किसानों ने भाग लिया, जिन्हें विभिन्न विषयों पर विस्तार से जानकारी दी गई।
प्रशिक्षण कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को धान की सीधी बुवाई और खरीफ फसल में रोग-कीट प्रबंधन के बारे में जानकारी देना था।
कार्यक्रम का शुभारंभ केन्द्र के वरिय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉक्टर एस. के. राय द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।डॉ. चैतन्य ने धान की सीधी बुवाई के फायदे और तकनीकों पर विस्तार से चर्चा की, जबकि डॉ. जितेन्द्र चंदोला ने उद्यानिकी फसलों एवं प्राकृतिक खेती के बारे में जानकारी दी।
इसके अलावा, डॉ. सुषमा टम्टा ने जल संग्रहण, खेत बंदायी तथा जलवायु अनुकूल कृषि कार्यक्रम की तकनीको के बारे में सम्पूर्ण जानकारी दी, जबकि डॉ. विजय कुमार ने एकीकृत पोषक तत्व प्रबंधन पर विस्तार से जानकारी दी। कार्यक्रम के अंत में, कृषि विज्ञान केंद्र मांझी के वरीय वैज्ञानिक एवं प्रधान डॉ. संजय कुमार राय ने किसानों को नई तकनीकों से खेती करने के लिए प्रेरित किया।
उन्होंने धान की सीधी बुवाई, शून्य जुताई, मेडी बढ़ाई बुवाई, इंटरस्रॉपिंग आदि के बारे में संपूर्ण जानकारी दी। साथ ही, उन्होंने धान में लगने वाले कीट और रोगों के बारे में जानकारी देते हुए किसानों को समय पर दवाई का छिड़काव करने के लिए अनुरोध किया। केन्द्र के वरिय वैज्ञानिक एवं प्रधान द्वारा किसानों को किसान डायरी का भी वितरण किया गया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य किसानों को जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से निपटने के लिए तैयार करना और उन्हें नई तकनीकों से खेती करने के लिए प्रेरित करना था। कार्यक्रम के अंत में, किसानों ने अपने अनुभव साझा किए और नई तकनीकों को अपनाने के लिए प्रतिबद्धता जताई। कृषि विज्ञान केन्द्र से रवि रंजन, अवनीश पांडेय आदि ने भी अपना सहयोग दिया।