बिहार का ‘सोन भंडार’ गुफा: राजा बिम्बिसार का खजाना!
///जगत दर्शन न्यूज
✍️ धर्मेंद्र रस्तोगी
बिहार के नालंदा जिले के राजगीर में स्थित ‘सोन भंडार’ गुफा में वर्षों पुराना खजाना छुपा हुआ है. माना जाता है कि ये हर्यक वंश के प्रथम राजा बिम्बिसार की पत्नी ने छिपाया था।
इतिहासकारों के अनुसार, हर्यक वंश के संस्थापक बिम्बिसार को सोने-चांदी से गहरा लगाव था. वह सोने और उसे बने आभूषणों को इकट्ठा करते थे. उनकी कई रानियां थीं, लेकिन एक रानी उनका बहुत ख्याल रखती थी. अजातशत्रु ने जब अपने पिता बिम्बिसार को बंदी बनाकर कारागार में डाल दिया, तब बिम्बिसार की इसी पत्नी ने राजा के खजाने को सोन भंडार में छिपा दिया था जो आज तक रहस्य बना हुआ है।
राजा की पत्नी ने बनवाई था गुफा
इतिहासकारों ने अनुसार, बिम्बिसार की पत्नी ने विभागिरी पर्वत की तलहटी में सोन भंडार गुफा का निर्माण करवाया था. सत्ता प्राप्ति के लिए बिम्बिसार के पुत्र अजातशत्रु ने उसे कैदखाने में डाल दिया और मगध का सम्राट बन गया. हालांकि, राजा की मौत कैसे हुई इस पर संशय बना हुआ है। कुछ का मानना है कि अजातशत्रु ने अपने पिता को मरवा दिया था, कुछ का कहना है कि बिम्बिसार ने आत्महत्या कर ली थी।
अंग्रेज़ भी नहीं खोल पाए खजाने का दरवाजा
बता दें कि सोन भंडार गुफा के अंदर दो कमरे हैं! अंदर दाखिल होते ही 10.4 मीटर लंबा और 5.2 मीटर चौड़ा एक कमरा है! इसकी ऊंचाई तक़रीबन 1.5 मीटर है। कहा जाता है इस कमरे में खजाने की रक्षा करने वाले सिपाही तैनात रहते थे। इसी कमरे के अंदर से एक और कमरा है, जो एक बड़ी चट्टान से ढका हुआ है। इसी राजा का खजाना माना जाता है। लेकिन, इस दरवाजे को खोलने में अब तक कोई कामयाब नहीं हुआ।
ब्रिटिश भारत में भी इस रहस्यमयी खजाने तक पहुंचने की कोशिश की गई थी। खजाने वाले कमरे को खोलने के लिए तोप के गोले का इस्तेमाल किया गया। फिर भी इसे खोलने में अंग्रेज़ असफल रहे। कहा जाता है कि आज भी इस गुफा पर दागे गए गोले के निशान मौजूद हैं।
चट्टान पर लिखा है खजाने का रहस्य, लेकिन…
गुफा की दीवार पर शंख लिपि में कुछ लिखा हुआ है. ऐसा माना जाता है कि इसी में सोन गुफा भंडार के खजाने का रहस्य छिपा हुआ है, लेकिन वो किस भाषा में है, उस पर आज तक पर्दा नहीं उठ पाया है. माना जाता है कि जो भी इस शिलालेख को पढ़ लेगा वह खजाने तक पहुंच जाएगा।
गौरतलब है कि राजगीर में कुछ गुफाएं मौजूद हैं। इनमें एक के बाहर मौर्यकालीन कलाकृतियां देखने को मिलती हैं तो दूसरी के दाखिले दरवाजे पर गुप्त राजवंश की भाषा में शिलालेख मिले हैं। सोन भंडार गुफा के रहस्यमयी खजाने को हर्यक वंश के संस्थापक बिम्बिसार का माना जाता है, लेकिन ऐसी भी मान्यता है कि इस खजाने का संबंध महाभारत काल से भी जुड़ा हुआ है।
कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक, वायु पुराण में लिखा है कि हर्यक वंश शासनकाल से तकरीबन 2500 वर्ष पूर्व मगध पर सम्राट वृहदरथ का शासन हुआ करता था। वृहदरथ के बाद उनके बेटे जरासंध ने पिता की गद्दी संभाली और सम्राट बने. जरासंध एक कुशल और पराक्रमी सम्राट माने जाते थे। वो चक्रवर्ती सम्राट बनने के लिए 100 राज्यों को परास्त कर अपने अधीन करने निकल पड़े।